लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने बंपर जीत अपने नाम की है। जी दरअसल यहाँ सपा के अलावा कोई विपक्षी दल अपनी मौजदूगी दर्ज नहीं करवा पाया। आप सभी को बता दें कि बसपा ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। ऐसे में अब यूपी में बसपा बनाम कांग्रेस की लड़ाई शुरू देखने को मिल रही है। सबसे पहले शुरुआत कांग्रेस की तरफ से हुई है। जी दरअसल यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्विट किया गया कि, ''BSP में B का मतलब भाजपा है। यानी कांग्रेस का आरोप है कि जिला पंचायत चुनाव में बसपा ने भाजपा की मदद की। यही कारण है कि सत्ताधारी पार्टी को ऐसी जीत मिली।''
3. यह भी सर्वविदित है कि यूपी में कांग्रेस, सपा व बीजेपी की सरकार के चलते यहाँ कोई भी छोटा-बड़ा चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष कभी नहीं हो सकता और ना ही इनसे इसकी किसी को कोई उम्मीद करनी चाहिये जबकि बीएसपी की सरकार के समय में यहाँ सभी छोटे-बड़े चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष कराए गए।
— Mayawati (@Mayawati) July 4, 2021
यह देखकर मायावती कहाँ चुप रहने वाली थी। उन्होंने भी तगड़ा जवाब दिया है। उन्होंने जवाब में कहा, 'Congress में C का मतलब है कनिंग पार्टी है।' आप देख सकते हैं कांग्रेस के ट्वीट के जवाब में मायावती ने एक के एक बाद एक कई ट्वीट किए। अपने एक ट्वीट में उन्होने लिखा है, 'यूपी में भी आक्सीजन पर चल रही कांग्रेस का यह कहना कि बीएसपी के ‘बी‘ का मतलब ’बीजेपी’ है, घोर आपत्तिजनक जबकि बीएसपी के ‘बी‘ का अर्थ बहुजन है, जिसमें SCs, STs, OBCs। धार्मिक अल्पसंख्यक व अन्य उपेक्षित वर्ग के लोग आते हैं, जिनकी संख्या ज्यादा होने की वजह से वे बहुजन कहलाते हैं। जबकि कांग्रेस के ‘सी‘ का मतलब वास्तव में ’कनिंग’ पार्टी है जिसने केन्द्र व राज्यों में अपने लम्बे शासनकाल में बहुजन के वोटों से अपनी सरकार बनाने के बावजूद इन्हें लाचार व गुलाम बनाकर रखा और अन्ततः बीएसपी बनाई गई और तब उस समय बीजेपी केन्द्र व राज्यों की सत्ता में कहीं नहीं थी।''
2. जबकि कांग्रेस के ‘सी‘ का मतलब वास्तव में ’कनिंग’ पार्टी है जिसने केन्द्र व राज्यों में अपने लम्बे शासनकाल में बहुजन के वोटों से अपनी सरकार बनाने के बावजूद इन्हें लाचार व गुलाम बनाकर रखा और अन्ततः बीएसपी बनाई गई और तब उस समय बीजेपी केन्द्र व राज्यों की सत्ता में कहीं नहीं थी।
— Mayawati (@Mayawati) July 4, 2021
इसी के साथ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ''यह भी सर्वविदित है कि यूपी में कांग्रेस, सपा व बीजेपी की सरकार के चलते यहाँ कोई भी छोटा-बड़ा चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष कभी नहीं हो सकता और ना ही इनसे इसकी किसी को कोई उम्मीद करनी चाहिये जबकि बीएसपी की सरकार के समय में यहाँ सभी छोटे-बड़े चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष कराए गए। बीएसपी के शासनकाल में कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करने के लिए सरकारी तंत्र को निष्पक्षता से काम करने की छूट दी गई तथा कानून तोड़ने पर पार्टी के एमपी को भी जेल भेजा गया। अतः भाजपा नए डीजीपी व अन्य सरकारी तंत्र को स्वतंत्रता व निष्पक्षता से काम करने दे बीएसपी की मांग।''
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