बुद्ध की जयंती पर जाति-भेद को जीवन से त्यागने का लें संकल्प: मायावती
बुद्ध की जयंती पर जाति-भेद को जीवन से त्यागने का लें संकल्प: मायावती
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश व दुनिया में रहने वाले तथागत गौतमबुद्ध के करोड़ों अनुयाईयों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई और सुख, शांति, गरीबी व लाचारी-मुक्त जीवन की शुभकामनाएं दी है। जी दरअसल उन्होंने कहा कि, 'दूसरों के प्रति दया, करुणा, दानशीलता एवं इंसानियत को जिंदा रखने की परम्परा को हर हाल में बनाये रखना जरुरी है। जिसके प्रति ही गौतमबुद्ध ने सब कुछ त्यागकर अपना जीवन समर्पित किया व महामानवतावादी कहलाये। जिससे ही आगे चलकर भारत की दुनिया में अलग छवि बनी।'

इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, 'गौतमबुद्ध जिन्होंने सत्य, अंहिसा, भाईचारा व मानवता की आदर्श ज्योति को पूरी दुनिया में फैलाकर भारत को जगदगुरु का सम्मान दिलाया। उनकी जयंती पर खासकर जाति-भेद, हिंसक मनोवृति, द्वेष आदि को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा को दोहराने का दिन है। क्योंकि इसी से जीवन व देश में सच्ची सुख-शांति एवं तरक्की निहित है। इसका मूल बाबा साहेब डा.भीमराव अम्बेडकर ने देश के संविधान में पूरी तरह से स्थापित किया है। लेकिन इसे देश के आम जीवन में उतारने की जिम्मेदारी सरकारों ने संर्कीण स्वार्थ की खातिर लगातार भूला दिया गया है, जिस कारण आज अपने देश में भी आमजन जीवन की सुख-शांति से दूर होता जा रहा है।'

 

इसके अलावा उन्होंने कहा- 'एशिया के ज्योति पूंज के रुप में माने जाने वाले गौतमबुद्ध ने भारतीय इतिहास को सत्यपरक ज्ञान से सुशोभित किया। उनके अनुयाईयों में सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य व महान सम्राट अशोक ने 'बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय' को अपने संविधान के मूल सूत्र के रुप में स्थापित कर सामाजिक क्रांति की मजबूत नींव डाली। ऐसे ही महामानतावादी तथागत गौतमबुद्ध की जयंती बुद्ध पूर्णिमा के रुप में मनाई जाती है। उनका अशिक्षित, उपेक्षित व शोषित वर्ग के सभी लोगों को अमर उपदेश था 'अप्प दीपो भव:' अर्थात शिक्षित बनो, खुद ऊपर उठो व अपना प्रकाश स्वयं बनो। जिसका हर दौर से ज्यादा वर्तमान समय में बहुत ही ज्यादा महत्व है, जिस पर अमल करके महान लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है। जिसके लिए हमारी पार्टी अपनी अलग मानवतावादी पहचान के साथ लगातार प्रयास व संघर्षरत है।'

आगे उन्होंने कहा कि, 'यह केवल सामान्य गुणगान ही नहीं बल्कि बीएसपी ने ही गौतमबुद्ध के मानवीय आदर्शों पर चलकर यहां विशाल जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार 'सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय' के आदर्श आाधर पर ही चलाई। गौतमबुद्ध के उपदेशों पर चलकर समतामूलक समाज व्यवस्था स्थापित करने का भरसक प्रयास किया। इतना ही उनके उत्प्रेरक नाम पर अनेक संस्थायें, स्थल, पार्क आदि बनाये गये। गौतमबुद्ध नगर जिले के 511 एकड़ के विशाल परिसर में विश्व-स्तरीय गौतमुद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। वंचित, दिलत एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को विश्वस्तरीय एवं उच्च कोटि की शिक्षा उपलब्ध हो। मेधावी गरीब छात्र विदेश में भी पढ़ाई का अनुभव प्राप्त कर सकें।' इसके अलावा मायावती ने आगे यह भी कहा कि, 'माथा टेकना अलग बात है, लेकिन तथागत जैसे संतों, गुरूओं व महापुरुषों आदि के आदर्शों पर चलकर जनता के जीवन को सुखी बनाने की व्यापक उपयोगिता और सार्थकता है।'

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