राजनीति ने कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. सब कुछ तात्कालिक परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाता है .किसी का साथ छोड़ा जाता है तो किसी को साथ लिए जाने का न्योता दिया जाता है. ऐसा ही कुछ मायावती के साथ भी हुआ जब उन्हें मोदी के मंत्री रामदास अठावले ने एनडीए में शामिल होने का न्योता दे दिया.
बता दें कि इसे उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी को मिली हार का असर कहें या दलितों के कल्याण की वास्तविक चिंता, कि बीजेपी के सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया प्रमुख रामदास अठावले ने लखनऊ में प्रेस के सामने बसपा सुप्रीमो मायावती को सीधे तौर पर एनडीए में शामिल होने का ऑफर दे दिया.केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यदि मायावती को दलितों की वाकई चिंता है तो उन्हें एनडीए में शामिल हो जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि रामदास अठावले ने मायावती को एनडीए का हिस्सा बनने के पीछे दलितों के कल्याण की दलील दी. उन्होंने कहा, मायावती अगर दलितों का हित चाहती हैं तो उन्हें एनडीए में आ जाना चाहिए. तब मैं, मायावती जी और रामविलास पासवान जी मिलकर केंद्र सरकार से दलितों के कल्याण के लिए ज्यादा धन ले सकेंगे. वहीं यह भी माना कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से पार्टी को 20 से 25 सीटों का नुकसान होगा. लेकिन 2019 में एनडीए की सरकार जरूर बन जाएगी.
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