PM मोदी के आँसू वोट की राजनीति का छलावा है
PM मोदी के आँसू वोट की राजनीति का छलावा है
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लखनऊ : हैदराबाद यूनिवर्सिटी के स्कॉलर छात्र रोहित वेमुला के आत्म हत्या के मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की आँखो से जो आँसू निकले वो राजनीतिक बहस का रुप ले चुका है। पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम पर आँसू के सच्चे-झूठे होने को लेकर सवाल उठाए तो अब बसपा सुप्रीमो मायावती का कहना है कि पीएम का भावुक होना वोट की राजनीति थी।

मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पीएम दलितों के वोट के लिए भावुक हो रहे है। मायावती ने सवाल पूछते हुए कहा कि जब मोदी ने पूरे मामले में कोई कदम नही उठाया तो फिर भावुक होने का क्या मतलब है। केंद्र की जातिवादी सोच ने ही रोहित की जान ली है। बता दें कि पीएम मोदी लखनऊ के अंबेडकर कॉलेज में रोहित को याद करते हुए भावुक हो उठे थे।

मायावती ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने दलित उत्पीड़न के अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। केंद्र की सोच ही दलित विरोधी और संकीर्ण है। एक ओर मोदीजी बाबा साहेब अंबेडकर की बात करते है और दूसरी तरफ दलित छात्रों का अपमान किया जा रहा है। आगे उन्होने कहा कि केंद्र के मंत्री वीके सिंह ने दलितों को लेकर बेहद आपत्तिजनक बयान दिया लेकिन केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मायावती ने आरएसएस और लोकसभा अध्‍यक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि आरएसएस की सोच घातक और संकीर्ण हैं वहीं लोकसभा अध्‍यक्ष द्वारा आरक्षण को लेकर दिया बयान उनके आरक्षण विरोधी होने की तरफ इशारा करता है। मायावती शनि मंदिर में महिलाओं के पूजन अधिकार के संबंध में कहा कि महिलाओं को पूजा का अधिकार मिलना ही चाहिए।

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