पेरिस में जलवायु परिवर्तन की संगोष्ठी में होगा सौर ऊर्जा पर गठबंधन की कवायद
पेरिस में जलवायु परिवर्तन की संगोष्ठी में होगा सौर ऊर्जा पर गठबंधन की कवायद
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नई दिल्ली: भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा के क्षेत्र में संपन्न देशों को एक जुट करने का प्रयास किया है। यह घोषणा मोदी ने इंडो-अफ्रीकन मिट के दौरान कही थी। इस गठबंधन में धन और प्राद्दयोगिकी के क्षेत्र में सहायता की जाएगी। इस गठबंधन में मॉरीशस के शामिल होने पर आशंकाए जताई जा रही थी। पर जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होने अपनी सहमति व्यक्त की।

उनका कहना है कि भारत पुराना सहयोगी रहा है, एक शताब्दी से भी लंबा इतिहास है। हम हरसंभव मदद करेंगे। जगन्नाथ इंडो-अफ्रीकन मिट में भी शमिल थे। जहाँ मोदी ने कहा था कि मैं सौर उर्जा के लिहाज से संभावना संपन्न देशों को गठबंधन में शामिल होने का न्योता देता हूं जिसे मैंने 30 नवंबर को पेरिस में सीओपी-21 की बैठक के समय शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। भारत 2030 तक 40 प्रतिशत एकीकृत बिजली उर्जा क्षमता ‘गैर जैविक ईंधन’ आधारित उर्जा स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य रखता है।

इस पर जगन्नाथ ने कहा कि यह बाकी अ्रफीकी देशों से बहुत अलग है क्योंकि मारीशस के अधिकांश लोग भारतीय मूल के हैं। इसलिए मैं कह सकता हूं कि भारत के साथ हमारे संबंध किसी भी अन्य की तुलना में अधिक स्वाभाविक है। यह कृत्रिम नहीं हैं और न ही व्यापार आदि के कारण है। सभी को पेरिस शिखर सम्मेलन से बहुत आशाएँ है। यह किसी एक देश का सवाल नही है, ब्लकि यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है। यह प्रयास इसी माह पेरिस में होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से जुड़े मसलों से निपटने के लिए प्रस्तावित किया जाना है।

 

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