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श्रीनगर: नजरबंद किए गए कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसरत आलम को श्रीनगर स्थित पुलिस थाने भेज दिया गया है। यह जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी। मसर्रत आलम की गिरफ्तारी को लेकर जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर दिया है। नौहटा में मीरवाइज उमर फारूख ने गिरफ्तारी के विरोध में मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में पुलिस पर पत्थरबाजी की। और कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज भी जला दिया। भारी मात्रा में पुलिस वहां तैनात है। कश्मीर के ट्राल इलाके में शुक्रवार को अलगाववादियों की बुलाई गई रैली में सैयद अली गिलानी और मसरत आलम को भाग लेने से रोकने के लिए उन्हें प्रशासन ने गुरुवार रात नजरबंद कर दिया था।
गिलानी को हैदरपोरा स्थित उनके आवास में नजरबंद रखा गया है, जबकि आलम को पुराने श्रीनगर शहर के जैनदर मोहल्ला स्थित उसके घर में नजरबंद किया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "आलम को हिरासत में रखा जाएगा। हमने कानून एवं व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए उसे सुबह शाहीदगंज पुलिस थाने में स्थांतरित किया है।"
हालांकि, यह अभी पता नहीं है कि आलम को रैली में भाग लेने से रोकने के लिए हिरासत में लिया गया है या फिर लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत दोबारा गिरफ्तार करने से पूर्व लिया गया है।
गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने सात मार्च को आलम को चार साल से अधिक वर्षो की नजरबंदी के बाद रिहा कर दिया था।
उसे 2010 में राज्य में हुए संघर्ष के दौरान युवाओं को उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान सुरक्षा बलों और भीड़ के बीच हुई झड़पों में 112 लोगों की मौत हो गई थी।