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श्रीनगर: बड़गाम जिले की अदालत ने अलगाववादी नेता मसर्रत आलम द्वारा दायर की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया। मसरत को लेकर कहा गया है कि मसरत के लिए किए गए बंद से राज्य का जनजीवन अस्त - व्यस्त हो गया। अलगाववादी नेता के वकील शब्बीर आलम ने कहा कि अदालत ने मसरत की जमानत कई कारणों से खारिज कर दी है।
अलगाववादी नेता मसरत आलम को हाल में ही देशद्रोह के आरोप में और भारत के विरूद्ध युद्ध छेड़ने के आरोप में पकड़ लिया गया।
प्रारंभ में मसरत को नज़रबंद कर दिया गया लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
मसरत के समर्थन में अलगाववादियों ने राज्य में बंद का ऐलान कर प्रदर्शन किया। जिसके बाद कुछ और अलगाववादियों को पकड़ लिया गया था। मसरत को घाटी से जम्मू के कोटभलवाल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
अलगाववादी नेता मसरत आलम ने कश्मीर के हैदरपोरा क्षेत्र में हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी की रैली में पाकिस्तान का झंडा लहराया था और आतंकी हाफिज सईद के समर्थन में नारे लगाए थे। जिसके बाद मसरत को पकड़ लिया गया था।