लाॅसएंजिल्स : देश के मंगल अभियान के साथ बीते दो वर्ष में मार्स आॅर्बिटर मिशन को अंतरिक्ष में भेजे जाने के साथ लाल ग्रह के चारों ओर यातायात बढ़ गया है। दरअसल अंतरिक्षयानो की संख्या भी बढ़ गई है। मार्स एटमोसफेयर एंड वोलाटाईल इवोल्यूशन भारत के मार्स आॅर्बिटर मिशन, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के 2003 मार्स एक्सप्रेस के साथ नासा के मंगल यान 2001 के मास ओडिसी के साथ वर्ष 2006 के मार्स रिकानिसएंस आॅर्बिटर समेत मंगल की परिक्रमा में सम्मिलित हो गया। मिली जानकारी के अनुसार मार्स ग्लोबल सर्वेयर द्वारा भी इस तरह के ट्रैफिक जाम पर नजर रखी जाएगी। ऐसे में नासा ने अंतरिक्ष यानों की टक्कर रोकने के लिए प्लान बनाए हैं। मंगल यान मंगल के आसपास ट्रैफिक जाम होने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
तो दूसरी ओर मंगल के रास्ते में यातायात निगरानी संचार और युक्तिचालन योजना की प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करता है यही नहीं यह सुनिश्चित करेगा कि मार्स आॅर्बिटर एक दूजे के पास न आऐं। तो दूसरी ओर नासा द्वारा कहा गया है कि अंतरिक्ष यान परिक्रमा कर रहे हैं। 1997 में भेजा गया आॅर्बिटर काफी निष्क्रिय हो गया। दूसरी ओर कैलिफोर्निया स्थित नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोट्री में काम कर रहे मुख्य इंजीनियर ने कहा कि एमआरओ नेविगेशन टीमों के मध्य टक्कर से बचने के लिए सामंजस्य स्थापित किया गया।