बीरभूमि. शादी में तकरार और फिर तलाक, इस तरह की खबरे तो हमारे समाज में आम है. लेकिन एक कहानी जिसे हम आपको बताएंगे उसमे एक बेहतरीन ट्विस्ट है. असल में एक कपल तलाक के लिए कोर्ट पहुंचे तो जज के फैसले ने उनके तलाक लेने के मन को बदल कर रख दिया. जज ने इन पति और पत्नी को अपने ही खर्च पर होटल में रहने की सलाह दी ताकि दोनों के बीच गलत फेहमिया व दुरियां खत्म हो जाए और तलाक की नौबत दोबारा से ना आ पाए.
ये किस्सा है बीरभूमि जिले का. जहां गौतम दास और अहना एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे. काफी वक्त से एक दूसरे को जानने-समझने के बाद मार्च, 2016 में दोनों शादी की. लेकिन शादी के कुछ ही दिन बाद इनका रिश्ता टूटने की कगार पर आ पहुंचा. दोनों के परिवार ने इन्हें खूब समझाने की कोशिशे की लेकिन ये कपल नहीं माना. अहना अक्टूबर 2017 में अपने पियर आ गई . इसके बाद अहना के परिवार ने जनवरी 2018 में ससुर और सास के खिलाफ उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज करवा दी.
यह मामला ज़िला कोर्ट तक जा पहुंचा. दोनों ही पति-पत्नी ने तलाक की अर्जी कोर्ट में दी. सुनवाई के वक्त 16 जनवरी को जज पार्थ साथी ने इन दोनों को सलाह दी कि वो अपने झगडे खत्म करें और एक साथ प्यार मोहब्बत से रहें. जज ने यह भी कहा कि दोनों परिवार से दूर किसी अच्छे होटल में 3 दिन तक साथ रहो और एक दूसरे क्वालिटी टाइम दो और एक दूसरे को समझने की कोशिश करो.
लेकिन पति-पत्नी ने जज की सलाह को नहीं मानते हुए यह कहा कि उनके पास होटल में कमरा लेने के लिए पैसे नहीं है. इस पर जज ने उन्हें कहा कि इसका खर्च वे उठाएंगे.इस दौरान सरकारी वकील रंजीत गांगुली ने कहा कि वे होटल का खर्च देंगे. जज ने पुलिस को दोनों पति पत्नी को सुरक्षा देने के लिए कहा है.
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