शास्त्रों को मानने वाला और उसके अनुसार चलने वाला व्यक्ति जीवन में हमेशा सुख संवृद्धि प्राप्त करता है .शास्त्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि माह फरवरी में शादी का आखिरी मुहूर्त 24 तारीख को है. इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र लगते ही 1 मार्च तक विवाह नहीं होगें .विवाह कार्य की यह शुभ वेला को आगे बढ़ने के लिए 2 मार्च से 11 मार्च तक रेवती नक्षत्र में विवाह के पांच मुहूर्त हैं.इसके बाद होलिकाष्टक लगते ही विवाह कार्य बंद हो जाएंगे
बताया जा रहा है कि ये होलिकाष्टक 15 से 23 मार्च तक चलेंगे.इस बीच विवाह और मांगलिक आयोजन बंद रहेंगे,क्योंकि इस दौरान मीन राशि पर सूर्य के आने से मीनार्क दोष लगेगा.इससे गुरुबल कमजोर होगा.शास्त्रों को मानते हुए कहा जा रहा है कि इस मीनार्क दोष में विवाह जैसे अन्य शुभ कार्य करना निषेध माना गया है.
इसके पश्चात मेष राशि पर सूर्य आते ही 16 अप्रैल से विवाह की वेला फिर शुरू हो जाएगी .और ये शुभ कार्य 29 अप्रैल तक चलेंगे.
इसके बाद इस बार सिंहस्थ योग बनने के कारण मई और जून के माह में कोई भी विवाह के मुहूर्त नहीं है .जुलाई में मात्र आठ दिन विवाह मुहूर्त रहेंगे.फिर चार महीने के लिए विवाह बंद हो जाएंगे.
मानव जीवन में धर्म कर्म को मानना ,उनका अनुसरण करना बहुत ही जरूरी होता है. और ऐसा करने वाला हमेशा सुख- शांति से जीवन यापन करता है उनका दाम्पत्य जीवन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ व्यतीत होता है .