style="text-align: justify;">छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ यूं तो नक्सलियों के लिए 'सुरक्षित क्षेत्र' है, लेकिन वहां भी कभी-कभार सुरक्षाबलों की दखल पड़ ही जाती है, इसलिए नक्सली नेता ने नए सदस्यों को गुरिल्ला वार का प्रशिक्षण देने के लिए एक क्षेत्र को चुनाव किया है। हाल ही में झारखंड पुलिस की गिरफ्त में आए एक नक्सली रोहित ने बताया कि भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता अरविंद के नेतृत्व में नक्सलियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए छत्तीसगढ़, झारखंड तथा ओडिशा की सीमा स्थित गुमला के पास की एक पहाड़ी का चयन किया गया है।
पहाड़ी काफी ऊंची होने के कारण सुरक्षित तो है ही, वहां पानी का भी अच्छा स्रोत है।
छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी स्वीकार किया है कि झारखंड में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी पोलित ब्यूरो के सदस्य अरविंद को दी गई थी।
नक्सली रोहित ने बताया कि पोलित ब्यूरो के सदस्य अरविंद की सुरक्षा के लिए 200 हथियारबंद नक्सली रहते हैं। अरविंद जब शिविर से बाहर निकलता है तो उसकी सुरक्षा में 100 मीटर की दूरी पर नक्सली तैनात रहते हैं। उसने यह भी स्वीकार किया कि हाल ही में अरविंद को गोली भी लगी थी।