Bulli Bai app जैसे सैकड़ों पेज हैं सोशल मीडिया पर, क्या हिंदू महिलाओं के लिए भी आवाज उठाएगा मीडिया ?
Bulli Bai app जैसे सैकड़ों पेज हैं सोशल मीडिया पर, क्या हिंदू महिलाओं के लिए भी आवाज उठाएगा मीडिया ?
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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं, वो भी धर्म के आधार पर। हाल ही में बुल्ली बाई एप को लेकर बवाल मचा था, जिसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन कई ऐसे कंटेंट्स आज भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, जिनमे हिन्दू महिलाओं की प्राइवेसी भंग कर के उन्हें बदनाम किया जा रहा है। मुस्लिम पुरुषों के साथ उनके नाम जोड़ कर उन्हें खुलेआम ‘वेश्या’ तक कहा जा रहा है। धर्म के आधार पर महिलाओं की ऑनलाइन ‘नीलामी’ और उनके अश्लील कंटेंट्स बनाने के पीछे कौन लोग हैं, ये पता लगाना अब प्रशासन के ऊपर है। मगर, ध्यान देने वाली बात यह है कि इस मामले में लोग किस कदर चुप हैं। 

क्या इसके पीछे कारण यह है कि हिन्दू महिलाएँ किसी का ‘वोट बैंक’ नहीं हैं ? इसीलिए उनकी भावनाओं की कोई कदर नहीं है, न तो नेताओं के लिए और न ही तथाकथित मानवाधिकारों का राग अलापने वाले लोगों के लिए। सोशल मीडिया पर कुछ एक्टिविस्ट्स ने सरकार का ध्यान इस तरफ खींचने की कोशिश की है और मोदी कैबिनेट के मंत्रियों ने इस मामले पर संज्ञान भी लिया है। अगर फेसबुक पर देखें, तो इसपर एक पेज है, जिसका नाम है ‘संस्कारी हिन्दू बीवी मुस्लिम मर्द की दीवानी’। साथ ही इसकी प्रोफ़ाइल फोटो में एक ऐसी तस्वीर लगाई गई है, जिसमें एक मुस्लिम एक हिन्दू लड़की को जकड़े हुए है। इसकी कवर फोटो में एक पेंटिंग है। पेंटिंग में एक बुजुर्ग मुस्लिम शख्स को दिखाया गया है और उसके साथ उसकी टाई पकड़े हुए साड़ी पहने एक महिला है, जाहिर है इस महिला को हिन्दू दर्शाया गया है। मुस्लिम शख्स की इस्लामी पहचान के लिए उसकी टोपी पर चाँद-तारा बना हुआ है।

फेसबुक पर एक और ग्रुप है, जिसका नाम ‘मुस्लिम मर्द औरत का प्यासा’, जिससे 872 यूज़र्स जुड़े हुए हैं। इसकी प्रोफाइल फोटो में एक महिला और एक पुरुष एक-दूसरे को किस करते नज़र आ रहे हैं। स्पष्ट है, पुरुष को मुस्लिम और महिला को हिन्दू के रूप में दर्शाया गया है।

इस ग्रुप में ‘हन्नी जान’ नाम से एक फेसबुक यूजर ने पूछा भी है कि 'क्या कोई हिन्दू महिला ऑनलाइन है?' क्या इस तरह के ग्रुप्स बना कर और उसमें हजारों लोगों को जोड़ कर हिन्दू महिलाओं को लेकर की जा रही अपमानजनक बातों पर कोई आवाज़ उठाएगा?

अब आते हैं इंस्टाग्राम पर, जिसपर एक पेज है, जिसका यूजरनेम है – ‘ज़ालिम मुस्लिम कसाई’ और इसमें यूज़र का नाम ‘असलम खान’ लिखा हुआ है। यही नहीं, 4239 लोग इसे फॉलो भी करते हैं। इसमें भी साड़ी पहने और बिंदी लगाए एक हिन्दू महिला के साथ एक मुस्लिम बुजुर्ग को दिखाया गया है। ऐसे पेजेज के माध्यम से ये बताने का प्रयास किया जा रहा है कि हिन्दू महिलाएँ ‘निचली श्रेणी’ में आती हैं और मुस्लिम पुरुष ‘श्रेष्ठ’ होते हैं, जो उनके साथ अंतरंग होते रहते हैं और ये सामान्य बात है। इंस्टाग्राम पर और भी पेज है, जिनके नाम ‘बैड बॉय’ और ‘ज़ालिम बॉय’ हैं। इसमें भी एक मुस्लिम शख्स को बगैर कपड़ों के एक हिन्दू महिला के साथ दर्शाया गया है। इस पेज पर सारी की सारी तस्वीरें अश्लील हैं, साथ ही बैड बॉय पेज पर 1818 फॉलोवर्स भी हैं। इन पेजों में हिन्दू देवियों को भी बेहद अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है, एक अन्य इंस्टाग्राम पेज पर भी हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर भी अश्लील चित्र डाले गए हैं। इसका नाम ‘ज़ालिम मर्द’ है, जिसमें भगवान श्रीराम की तस्वीर के साथ भी अश्लीलता फैलाई गई है, क्या ये 'बेअदबी' की श्रेणी में नहीं आएगा। साथ ही कई तस्वीरों में बिंदी लगाए और साड़ी पहने हिन्दू महिलाओं को मुस्लिम युवकों के साथ दिखाया गया है। 

एक अन्य इंस्टाग्राम हैंडल है ‘ज़ालिम अनवर पठान’ नाम से, जिसके 1152 फॉलोवर्स हैं और इस हैंडल से 17 तस्वीरें पोस्ट की गई हैं। इसकी ताज़ा 5 तस्वीरों में इस्लामी टोपी लगाए एक मुस्लिम पुरुषों को हिन्दू महिलाओं के साथ दर्शाया गया है। अरब के तीन शेखों के साथ एक हिन्दू महिला की तस्वीर लगाई गई है। एक प्रकार से हिन्दू महिलाओं का इस्तेमाल कर के ‘पोर्न कंटेंट्स’ तैयार किए जा रहे हैं। अन्य तस्वीरों में हिन्दू महिलाओं को अश्लील अवस्था में दर्शाया गया है।

सोशल मीडिया यूज़र अंशुल सक्सेना ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार का ध्यान इस तरफ खींचा है। अंशुल सक्सेना ने एक टेलीग्राम चैनल का भी खुलासा किया है, जिसका नाम ‘हिन्दू रं%$याँ’ है। इसमें 219 लोग जुड़े हुए थे। मीरा मोहंती नामक एक ट्विटर यूजर ने जब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस मामले में ट्वीट करते हुए टैग किया, तो केंद्रीय मंत्री ने फ़ौरन इसका संज्ञान लिया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस टेलीग्राम चैनल को ब्लॉक कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए भारत सरकार राज्यों के पुलिस-प्रशासन के साथ तालमेल बना कर कार्य कर रही है।

यही नहीं अमेज़न जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भी ऐसी कई किताबें उपलब्ध हैं, जिसमे हिन्दू महिलाओं को बदनाम करने का काम किया जा रहा है।  किंडल पर उपलब्ध इन किताबों में से कुछ के कवर पेज पर इस्लामी टोपी में पुरुष और बिंदी लगाए हिन्दू महिला की तस्वीर है। ‘पड़ोसी के साथ सेक्स करती भारतीय महिला’ जैसे शीर्षक के साथ कई पुस्तकें इस प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। इतना कुछ होने के बाद भी, इतना अवश्य है कि इस पर मेनस्ट्रीम मीडिया कुछ नहीं दिखाएगा, न ही इस पर कोई 'प्राइम टाइम' बनेगा और भारत को बदनाम करने में आगे रहने वाला अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी हिन्दू महिलाओं के साथ की जा रही इस अश्लीलता पर एक लाइन की भी खबर नहीं बनाएगा। इसलिए समाज को और महिलाओं को इस अपमान से बचाने के लिए हमें खुद आगे आना होगा और सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे कंटेंट्स की पोल खोलते हुए पुलिस-प्रशासन और सरकारों को इससे अवगत कराना होगा, क्योंकि मेनस्ट्रीम की मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ ही तथाकथित समाजसेवी भी इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे। ऐसे में आप जब भी सोशल मीडिया पर इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट्स देखें तो, ऐसे कंटेंट्स को तुरंत रिपोर्ट करें और ब्लॉक करवाएँ।

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