खंडवा/ब्यूरो। जिले में अनुदान नहीं मिलने से गौशालाओं का संचालन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से परेशान गोशाला संचालकों ने प्रदेश सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। जिले के नौ गोशाला संचालकों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में अनुदान और चारा उगाने के लिए भूमि आवंटन की मांग की है।
जिले में नौ से अधिक गौशालाएं संचालित हैं। गोशालाओं को शासन की ओर से मिलने वाला अनुदान करीब 18 माह से नहीं मिल रहा है। इसके चलते आर्थिक परेशानी और गोवंशों की व्यवस्था में लगे गो संचालकों व गौसेवकों का सब्र का बांध अब टूट गया। जिले की अलग-अलग गौशालाओं से संचालकों का समूह कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। यहां उन्होंने गोशाला संचालन में आ रही परेशानियों को लेकर तहसीलदार नितिन चौहान को ज्ञापन सौपा है। इंदौर रोड पर धनगांव के पास मां गंगा गोशाला का संचालन करने वाले सुखदेव बाबा ने बताया कि बिना अनुदान के 18 माह से गौशाला चला रहे हैं लेकिन प्रदेश की शिवराज सरकार को गौशालाओं की फिक्र नहीं है।
अनुदान नहीं मिलने से गौशालाएं कर्ज में डूब रही है। 18 माह से अनुदान नहीं मिला है। साथ ही गोचर की भूमि भी आवंटित नहीं की गई है। ऐसे में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने में भी परेशानी आ रही है। इसी तरह की स्थिति रही तो गोशालाएं जल्द बंद हो जाएगी और गौवंश रोड पर आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस शासन में गौशालाओं को समय पर अनुदान मिला। कांग्रेस ने अनुदान बढ़ाकर दिया जिसे शिवराज सरकार ने भी उसे माना लेकिन अनुदान समय से नहीं दिया।
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