जियो और जीने दो का मूल-मंत्र

जियो और जीने दो का मूल-मंत्र
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अवैध बूचड़खानों को नहीं चलने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि "नमामि देवि नर्मदे"-सेवा यात्रा के जरिये प्रदेश में नदियों के संरक्षण, पर्यावरण सुधार, जल-संरक्षण के प्रयासों के साथ ही बेटियों को बचाने का महा अभियान चलाया जा रहा है। बेटियों के बिना सृष्टि नहीं चल सकती है, बेटियाँ हैं, तो कल है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने "जियो और जीने दो" का मूल-मंत्र दिया है।

जीवों के प्रति दया का भाव और अहिंसा का संदेश दिया है। हम सभी इसे आत्मसात करें और जीवों के प्रति दया का भाव रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की धरती पर कोई भी अवैध बूचड़खाना नहीं चलने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आचार्य श्री ऋषभचन्द्र विजय जी म.सा. को राजकीय अतिथि का दर्जा प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने आचार्य श्री से अनुरोध किया है कि वे सम्पूर्ण प्रदेश का भ्रमण कर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए मोहनखेड़ा तीर्थ द्वारा चलाए जा रहे प्रकल्पों को जन-जन तक पहुँचाये।

रावण को जीवनकाल में मुख्यतः 6 लोगों से श्राप मिला था

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