चंडीगढ़ः चरणजीत सिंह चन्नी अब पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन चुके हैं। वहीं उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस की तरफ से यह कहा गया कि 'यह पहली बार हुआ है कि पंजाब में एक दलित मुख्यमंत्री ने शपथ ली है।' हालाँकि इन सभी के बीच प्रभारी हरीश रावत के बयान से विपक्ष को एक मौका मिल गया है और वह अब अपनी राय रखते नजर आ रहे हैं।
Entire Dalit leadership of @INCIndia should protest dictatorial & discriminatory order/statement of @harishrawatcmuk & Gandhi Family in which he openly says that @CHARANJITCHANNI would not be the face in 2022 Pb Elections
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) September 20, 2021
Congress has insulted Dalits & CM-stature grossly!@ANI pic.twitter.com/T9fgT8K8NB
क्या कहा हरीश रावत ने- जी दरअसल हरीश रावत ने कहा कि, 'आगामी विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के चेहरे पर लड़ा जाएगा।' ऐसे में अब विपक्ष का कहना है कि 'तो फिर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया ही क्यों गया और चन्नी को सिर्फ 3 महीने के लिए मुख्यमंत्री बना कर कांग्रेस ने दलितों का अपमान किया है।'
हाल ही में अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सवाल उठाते हुए कहा, 'कांग्रेस एक तरह से दलितों के ऊपर एहसान दिखाकर वोट हासिल करने की कोशिश में लगी है। 3 महीने के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया और साफ कर दिया कि उसके बाद चुनावों में जाने के लिए चेहरा नवजोत सिंह सिद्धू का होगा यानी कि चन्नी के चेहरे को कांग्रेस खुद भी भरोसेमंद नहीं मानती।' इसी के साथ सिरसा ने यह भी कहा कि, 'मैं तो उम्मीद कर रहा था कि चन्नी आज सीएम पद की शपथ भी नहीं लेंगे क्योंकि यह दलितों का अपमान हुआ है। लेकिन फिर भी उन्होंने शपथ ली बिना इस बात की परवाह किए हुए कि उनके इस तरह शपथ लेने से तरह से दलित समाज का अपमान हुआ है। शायद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद और कुर्सी ज्यादा प्यारी थी।'
इसके अलावा सिरसा ने सिद्धू पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, 'गांधी परिवार को पता है कि नवजोत सिंह सिद्धू ऐसा बम है जो कभी भी फट सकता है, जिससे गांधी परिवार डर रहा है। पता नहीं कब नवजोत सिंह सिद्धू गांधी परिवार के लिए पप्पू और मुन्नी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे। ऐसे में अब कांग्रेस को जवाब देना होगा कि आखिर उनका यह कदम मास्टरस्ट्रोक कैसे हैं क्योंकि हमारे हिसाब से तो यह दलितों का अपमान किया गया है।'
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