नई दिल्ली : सत्तापक्ष के खिलाफ आरोप सिद्ध करते-करते कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी खुद ट्वीटर पर निशाना बन गए। तिवारी ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि उन्होने आईएसआईए द्वारा यमन में बंधक बनाए गए पादरी को बचाने के लिए कुछ नहीं किया। इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोग तिवारी को इस आरोप का जवाब दें कि हमने पादरी को बचाने के लिए कुछ नहीं किया।
मनीष तिवारी ने बकायदा ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि आईएसआईएस ने कथित तौर पर एक फादर थॉमस उझुन्नली को सूली पर चढ़ा दिया और बीजेपी सरकार ने उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं किया, क्यों कि वो एक इसाई थे। मिस्टर पीएम वो भी एक भारतीय ही थे। सरकारी सूत्रों ने कल कहा था कि पादरी के बारे में कोई प्रमाणिक सूचना नहीं मिल पा रही है।
इस पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मित्रों, मैंने कुछ ट्वीट लाइक किये हैं। कृपया उन्हें देखें और स्वयं ही फैसला करें। उसके बाद मनीष तिवारी को जवाब दें। उनके इस ट्वीट के बाद तिवारी को ट्विटर पर हमला झेलना पड़ा। एक व्यक्ति ने लिखा कि 2014 में चुनाव का टिकट न लेने वाले व्यक्ति है मनीष तिवारी। नफरत फैलाना और बांटना तो इनके जीन में ही है।
एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि मनीष तिवारी कृपया ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग न दें। क्या आपके पास सामान्य बुद्धि नहीं है। आप जैसे लोग ही असली देश विरोधी है।