आपने कई प्राचीन धार्मिक स्थल के बारे में सुना होगा जो अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं. साथ ही वहां स्थपित भगवान की प्रतिमा के बारे में कई किस्से सुने होंगे. उसी तरह आज आपको एक ऐसे हनुमानजी की प्रतिमा के बारे में बताने जा रहे है जो दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है. जी हां, ऐसे मंदिर के बारे में आपने भी सुना होगा लेकिन इसके पीछे का राज़ क्या है ये आप भी नहीं समझ पा रहे होंगे. आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में .
दरसल, एमपी के मंडला के पास पुरवा ग्राम के समीप सूरजकुण्ड नामक धार्मिक स्थल पर हनुमान की यह दुर्लभ मूर्ति स्थापित है.हनुमान जी की इस दुर्लभ मूर्ति की खासियत यह है कि चौबीस घंटो में प्राकृतिक तरीके से तीन बार मूर्ति का रूप बदल जाता है. मंदिर के पुजारी की मानें तो सुबह चार बजे से दस बजे तक हनुमान जी की प्रतिमा का बाल स्वरूप रहता है और दस बजे से शाम 6 बजे तक. 6 बजे से पूरी रात वृद्ध स्वरूप हो जाता है.
ऐसे ही एक शिव मंदिर भी हैं जो दिन में तीन बार रूप बदलता है. वहीं तीन स्वरूप वाले इस चमत्कारी हनुमान जी के मंदिर में बडी दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो सूरजकुंड के मंदिर में विराजे हनुमान जी की प्रतिमा दुर्लभ है. ऎसी प्रतिमा और कहीं देखने को नहीं मिलती है.
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