अध्ययन : ग्लोबल वार्मिंग के लिए मानव उत्तरदायी
अध्ययन : ग्लोबल वार्मिंग के लिए मानव उत्तरदायी
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एक नए अध्ययन के अनुसार पिछली दो सदियों से विश्व में बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग के लिए मनुष्य उत्तरदायी है.

यह अध्ययन नेचर नामक पत्रिका में 24 अगस्त 2016 को प्रकाशित हुआ.

अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार औद्योगिक क्रांति के शुरुआती दौर से ही विश्व में ग्लोबल वार्मिंग आरंभ हो गयी थी. यह वार्मिंग 1830 के आसपास पहली बार आर्कटिक एवं उष्णकटिबंधीय सागर के पास देखी गयी. 

अध्ययन की विशेषताएं

•    शोधकर्ताओं ने पिछले 500 वर्षों में हुए पर्यावरणीय बदलावों का अध्ययन किया तथा उसकी तुलना पृथ्वी पर जीवन आरंभ होने के समय से की गयी.

•    शोधकर्ताओं ने कोरल, गुफाओं की सजावट, पेड़ों के छल्लों एवं आइस कोर द्वारा जलवायु के इतिहास का मूल्यांकन किया.

•    उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अंतर सरकारी पैनल द्वारा जारी जलवायु मॉडल की नवीनतम रिपोर्ट का भी प्रयोग किया.

•    शोधकर्ताओं ने जलवायु के विभिन्न मॉडलों का अध्ययन किया ताकि वे मनुष्य एवं प्राकृतिक ग्लोबल वार्मिंग की पहचान कर सकें.

•    उन्होंने पाया कि 1800 सदी के शुरुआती समय में कुछ ज्वालामुखी भी आरंभिक जलवायु परिवर्तन का परिणाम थे.

•    शोध के अनुसार, औद्योगिक क्रांति के शुरूआती दौर में ग्रीनहाउस गैसों के निम्न स्तर से भी तापमान बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी.

•    अंटार्कटिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का धीमा असर देखा गया क्योंकि यहां की हवाएं गर्म हवाओं को उत्तर की ओर भेज रही थीं.

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