जब कंपनी के मैनेजर को एक समोसे वाले ने दिया करार जवाब
जब कंपनी के मैनेजर को एक समोसे वाले ने दिया करार जवाब
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हमने अकसर ये सुना होगा की जब इंसान कुछ करने की सोच ले तो ,वो एक दिन कामयाब जरूर होता है । इस दुनिया में कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता है ,अगर आज की दुनिया में सब इस ही तरह सोचने लग गए तो वह सफल है ।

अगर देखा जाए तो सफलता की पहले सीढ़ी की शुरुआत ही छोटे काम से होनी चाहिए। तो आइये आज हम आपको एक ऐसे ही कहानी बताते है जिसे सुन कर आप प्रेरणादायी रहेगे ।

यह बात दिल्ली के मशूहर समोसेवाला की है|  एक बड़ी कंपनी के गेट के ठीक सामने उसकी समोसे की मशहूर दुकान थी. उसके समोसे इतने टेस्टी हुआ करते थे कि कंपनी के बड़े बड़े लोग लंच टाइम पे उसके समोसे खाने आते थे । उसके समोसे चारो और बहुत मसहूर हो गए थे ।

फिर एक दिन कंपनी का मैनेजर समोसे वाले की दुकान में समोसा खाते हुए कहने लगा की , तुम आपन टैलेंट और टाइम दोनों वेस्ट कर रहे हो समोस बेच कर , गरीब दुकान वाले ने ये बात सुन कर चुप रहा ,और फिर थोड़ी देर में मुस्कारते है हुए बोला , सर मेरा काम आपके काम से ज्यादा अच्छा है , आप जानते है क्यों ?? 10 साल पहले जब में एक टोकरी में समोसा बेचता था तब में एक हज़ार रुपये कमा लेता था ,और तब आपकी सैलरी 10 हज़ार होंगी ।

इन 10 साल में मेने खूब मेहनत करके मेने आपन काम काफ़ी विकसित कर लिया है और आप इस कंपनी में सुपरवाइजर से मैनेजर बने है और मैं टोकरी वाले से इस इलाके का एक प्रसिद्ध समोसा वाला. बन गया हु । आज आप महीने में एक लाख कमाते हैं ,तो मैं जितना कमा हूं , कभी-कभी आपसे काफ़ी ज़्यादा ही कमा लेता हूं । इसलिए में कह सकता हु की मेरा काम आपके काम से ज्यादा बेहतर है । ये में सिर्फ आपने लिए ही नही बल्की आपने बच्चो का भविष्य के लिए कर रहा हूँ क्योंकि मेरे बच्चो को वो परेशानी झेलनी पड़ेगी जो हमने झेली है ।

आप नहीं समझ पाये अब आप मेरी बातों को गोर से सुनिये . जरा सोचिए सर मैंने तो बहुत कम कमाई कर ये काम शुरू किया था, मगर अब मेरे बेटे को यह सब नहीं सहना पड़ेगा , जो मैंने सहा है | मेरी दुकान मेरे बेटे को मिलेगी. मैंने अपनी ज़िंदगी में जो मेहनत की है, उसका फल मेरे बच्चे उठाएंगे. उन्हें शुरूआत करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी । लेकिन आपके केस में आपके किये का फल आपके बच्चों को नहीं, बल्कि आपके बॉस के बच्चों को मिलेगा| जिस तरह से इस पद पर आने के लिए आपको 10 साल तक संघर्ष करना पड़ा, आपके बच्चों को भी ऐसे ही मेहनत करनी पड़ेगी ।

ये सुनते ही मैनेजर में समोसे के पैसे दिया और बिना कुछ कहे वह से चला गया ।

इसलिए कहते है जो आपको अच्छा लगे वो करिये ,इस से आपका भविष्य अच्छा बनेगा |

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