कोलकाता: ममता बनर्जी ने मालदा हिंसा पर पहली बार बोलते हुए कहा है कि मालदा में जिस प्रकार से यह हिंसा घटित हुई है वह एक प्रकार से सांप्रदायिक हिंसा नही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस गंभीर मसले को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. ममता ने अपने बयान में आगे दोहराया है कि मालदा में हुई यह हिंसा असल में यह स्थानीय लोगों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बीच का मामला था. ममता ने कहा की इस मामले पर स्थित को पूरी तरह से काबू में कर लिया गया है. तथा मालदा में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है.
गौरतलब है की हिंदू महासभा के कथित नेता कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसे लेकर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हिंसा भड़क गई थी। इस मामले में मालदा के समीप शुजापुर में हजारों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी एकत्रित हुए थे। मुस्लिमों ने रैली निकालकर नेता कमलेश तिवारी का विरोध किया थे। इस दौरान इन लोगों ने कमलेश तिवारी को फांसी देने की मांग की थी। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने प्रदर्शन के दौरान उग्र रूप ले लिया था। इस दौरान नेशनल हाईवे नंबर 34 पर भीड़ हिंसक हो गई था।
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक यात्री बस को अपने गुस्से का शिकार बनाया था। यात्री बस को प्रदर्शनकारियों से बचाकर निकाला गया था। मगर प्रदर्शनकारियों ने बाॅर्डर सिक्योरिटी फोर्स के एक वाहन को आग लगा दी था। भीड़ ने अराजक रूप ले लिया और समीप के कालियाचक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। गुस्साए लोगों ने थाने में तोड़फोड़ भी कर दी थी। इस दौरान गोलियां तक चल गईं। भीड़ ने पुलिसकर्मियों की भी पिटाई कर दी थी। इस तरह के हंगामे के बाद क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गईं थी। कुछ देर बाद क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स ने फ्लैगमार्च किया था।