अक्सर देखा गया है कि माता-पिता के बीच मतभेदों और झगड़ों का सीधा असर बच्चों के दिमाग पर पड़ता है. आए दिन होते झगड़ों को देख-देख कर बच्चा भी झगड़ालू बन जाता है, या तनाव में रहने लगता है. या यूं कहे कि कही ना कही पैरेंट्स ही बच्चों को झगड़ालू बनाते हैं.
1-घर परिवार में होने वाले झगड़े, कलह, ब्रेकडाउन आदि बच्चों पर विपरीत असर डालते हैं. वहां बच्चे जल्दी वयस्क हो जाते हैं. माता-पिता को हर समय लड़ते-झगड़ते देखना, उनका अलगाव होना और बच्चों के साथ मारपीट करने वाले माता-पिता के साथ रहने वाले बच्चे झगड़ालू बन जाते हैं.
2-घर में होने वाले तनाव, लड़ाई-झगड़े का असर बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ता है. विभिन्न अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय तक तनाव में रहने वाले इन बच्चों में हार्मोन असंतुलन की समस्यान आ सकती है. बच्चोंय के भीतर इस तरह के हार्मोन का निर्माण होने लगता है जो उन्हें समय ही वयस्की और झगड़ालू बना देते है.
3-दबंग, झगड़ालू या शराबी पिता के व्यवहार का असर बच्चों में नकारात्मक तरीके से पड़ता है. बच्चों के असमय वयस्क होने से उनकी सोच, उनका मानसिक स्तर, असमय शैक्षिक और शारीरिक परिपक्वता के कारण वह चीजों को जिस आधे-अधूरे ढंग से समझते या जानते हैं. इस सबका उन पर नकारात्मक असर होता है.