Mar 29 2017 06:49 PM
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सुबह और शाम के समय माता की आरती संपन्न करना चाहिये। घी की बाती का उपयोग भले ही आरती में कर्पूर का भी उपयोग अवश्य ही करें। इसके अलावा सुबह के समय पूजा पाठ के बाद देवी को हलवे का भोग भी लगाना चाहिए। बगैर आरती करें या भोग लगाए पूजा पाठ का फल शुभ रूप से प्राप्त नहीं होता है।
इसलिए जरूरी रूप से आरती में कर्पूर का उपयोग तो किया ही जाए वहीं भोग भी लगाकर माता से सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करना चाहिए। यदि उपवास करने के साथ ही एक समय भोजन करते है तो शाम के समय भोजन के साथ हलवे का प्रसाद ग्रहण करें या फिर कुछ खाते नहीं है तो परिजनों में प्रसाद बांटे। आरती में पूरा परिवार ही शामिल हो।
महाकालेश्वर में भस्म आरती सशुल्क करने से व्यवस्थाएं बेहतर होंगी
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