मुंबई: टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों ने शुरुवाती चुनोतियो का सामना करने के लिए नवीन योजनाये बनाई है. इन्होंने दो मुद्दो पर ध्यान दिया है. पहला क्लाइंट्स को फौरन सर्विस देना व दूसरा शिकायतों और समस्याओ का हल करना तथा कर्मचारियों को संतुष्ट और खुश रखना. पिछले कुछ वर्षों में स्टार्ट-अप कंपनियां तेजी से अपना विकास कर रही है. इसकी वजह उनकी सुनियोजित कार्यशैली को जाता है. स्टार्ट-अप्स निम्न दरो और फौरन डिलिवरी और त्वरित कार्यवाही की वजह से अपनी पहचान बनाने में समर्थ हो रही है.
इसके अतिरिक्त ये कंपनिया टैलेंटेड लोगो को अच्छ पैकेज के साथ साथ कई सारी अन्य सुविधाये भी प्रदान कर रही है. इसका परिणाम यह हुआ कि तेजी से विकास कर रही कंपनियों की तरफ से मिल रही चुनौतियों के कारण नामी गिरामी आईटी कंपनियों की आय बढ़ने की दर साल 2011-12 के मुकाबले आधे से भी कम स्तर पर आ गयी है. इस समस्या के निदान हेतु नामी आईटी कंपनियों ने अपनी कार्यशैली और कर्मचारियों के बरताव में बदलाव करना प्रारम्भ कर दिया है. विप्रो ने सभी समस्याओ का हल निकलने के लिए एक कमांडो फोर्स यूनिट को तैयार किया है.
इसके अतिरिक्त सही और असली क्लाइंट की परेशानी हल करने के लिए कंपनी ने गेमिंग जैसे ट्रेनिंग सेशन और हैकाथन भी शुरू कर दिया है. इन्फोसिस को पहले अपने सख्त नियमो के लिए पहचाना जाता है. लेकिन अब कंपनी ने कर्मचारियों के साथ नरमी बरतना शुरू कर दिया है. कर्मचारियों के लिए नियमों में ढील की शुरुआत फॉर्मल ड्रेस कोड की अनिवार्यता को सामप्त कर की गयी थी.
कंपनी ने इससे पहले भी ऑफिस में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का प्रयोग कर ने की इजाजत देकर अपना नरम रवैया दर्शाया था. टेक महिंद्रा असोसिएट्स और मध्यम दर्जे के कर्मचारियों के लिए कुछ न कुछ नया करती रहती है जैसे क्विज कॉन्टेस्ट का आयोजन. जिसमें जीतने वाले को एक दिन सीईओ के साथ बिताने और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्राप्त होगा. कुछ साल पूर्व इन सब के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती.