नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्रालय ने आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिविजन के पहले प्रमुख की नियुक्ति की गई है. अब मेजर जनरल एके ढींगरा आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस की कमान संभालेंगे. इस त्री सेना के डिविजन में भारत की सबसे खतरनाक आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट, नेवी की मार्कोस और एयर फ़ोर्स के गरुड़ कमांडों बल शामिल होंगे.
वैसे तो भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर कई बड़े ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, किन्तु यह पहला मौका है जब तीनों सेनाओं की सबसे खतरनाक आर्मी एक नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत कार्य करेंगी. मेजर जनरल एके ढींगरा के बारे में बात की जाए तो उन्हें स्पेशल फोर्सेज का अच्छा ख़ासा तजुर्बा हैं. वो स्पेशल फोर्सेज के माहिर माने जाते हैं. मेजर जनरल ए के ढींगरा कुलीन 1 पैरा स्पेशल फोर्सेज रेजिमेंट से सम्बन्ध रखते हैं और उन्होंने अमेरिका में स्पेशल ऑपरेशंस कोर्स भी किए हैं.
बताया जा रहा है कि जब भारत ने श्रीलंका में पीसकीपिंग फोर्स भेजी थी तब मेजर ढींगरा श्रीलंका में इंडियन पीसकीपिंग फोर्स ऑपरेशन में भी शामिल रहे थे. सूत्रों का कहना है कि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिविजन के अंतर्गत 3 हजार कमांडो रहेंगे और इसका मुख्यालय आगरा या बैंगलूरू में स्थापित किया जाएगा. यह ओसामा बिन लादेन को समाप्त करने वाली यूएस स्पेशल ऑपरेशंस कमांड फ़ोर्स के तर्ज पर कार्य करेगी.
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