बरसो से जो दूर थे हम हमें मिलना प्यारा लगा। सागर से भी गहरी थी आपकी दोस्ती। तैरते आता था, पर हमें डूब जाना प्यारा लगा। मेरी मजबूरियों को समझ लेती हो तुम। मेरी खामोशियो को सुन लेती हो तुम। बड़ी शातिर हो, तुम मजा लेने का, कोई न कोई बहाना ढूढ ही लेती हो तुम।