मैं अखबार पढ़ सकूं
मैं अखबार पढ़ सकूं
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ात्री (अखबार पढ़ते-पढ़ते)- अरे भाई कुली, 
मुझे उस डिब्बे मैं बिठाना, 
जहां बातें करने वाला कोई न हो, 
ताकि मैं अखबार पढ़ सकूं। कुली (बाबू जी)- आप चिन्ता न करें, 
मैं आपको मालगाड़ी के डिब्बे में बिठाऊंगा।

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