अब नवरात्रि में मीट बैन करने की उठी मांग
अब नवरात्रि में मीट बैन करने की उठी मांग
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नई दिल्ली : लगातार हिंदूवादी और धर्म आधारित बयानबाजियां कर कथित हिंदू और कट्टरपंथ मान्यता के नेताओं द्वारा माहौल गर्माने का प्रयास किया जा रहा है। मीट बैन के विवाद में हाल ही में केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी ने आग में घी डालने का कार्य किया है। दरअसल केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि कुरान और बाइबिल देश की आत्मा के केंद्र नहीं हैं। समाचार चैनल से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने नवरात्रि उत्सव के दौरान मांस विक्रय पर प्रतिबंध लगाने की बात कहकर एक नई मांग उठाई है। 

मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के नोएडा से भाजपा सांसद और केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने इंटरव्यू के अंतर्गत हिंदू धार्मिक ग्रंथों को लेकर विचार आयोजित किए गए। इस दौरान कहा गया कि संस्कृति मंत्री महेश शर्मा द्वारा साक्षात्कार देते हुए कहा गया कि श्रीमद्भगवत् गीता, रामायण और महाभारत महाकाव्य को स्कूली शिक्षा में अनिवार्य किया जाना बेहद जरूरी है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री शर्मा ने कहा कि मानव अधिकार मंत्रालय के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।

वे कुरान का भी सम्मान करते हैं मगर दोनों ही धार्मिक ग्रंथों में रामायण और गीता में उल्लेख किया गया है। कुरान के साथ बाइबिल को भी भारत की आत्मा के केंद्र में मानने से उन्होंने नकार दिया। उनका कहना है कि केवल जैन समाज के पर्यूषण पर्व के दौरान ही नहीं नवरात्रि उत्सव में भी मांस विक्रय को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को देश को पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से मुक्त करना चाहिए। हालात ये हैं कि लोगों में ड्रग्स लेने की आदत बढ़ती जा रही है। शहरों में ओल्ड एज होम अर्थात् वृद्धाश्रम बढ़ रहे हैं। इस तरह की संस्कृति को देश में बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। 

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