Mahashivratri 2020: जानिये कब मनाया जायेगा महाशिवरात्रि, क्या रहेगा शुभ मुहूर्त
Mahashivratri 2020: जानिये कब मनाया जायेगा महाशिवरात्रि, क्या रहेगा शुभ मुहूर्त
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शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का पावन पर्व आने वाला है। हर साल की तरह इस बार भी भक्तों में भक्ति और आस्था का रूप देखने को मिल सकता है। फरवरी का महिना शुरू हो चुका है और इसी माह में शिव रात्रि का पावन पर्व मनाया जा सकता है । महादेव शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ-पुराणों के मुताबिक महादेव को पति रूप में पाने की लिए माता पर्वती नही बहुत कठिन तपस्या की थी। वही तब महादेव जी ने प्रसन्न होकर माँ पर्वती को अपनी अर्धांग्नी स्वीकार किया था । पार्वती की इच्छा अनुसार महादेव उनकी माँ मैनावती से पार्वती का हाथ भी मांगने गए परंतु भगवान की मर्यादा में मांगना नही होता इसलिए उन्होंने नट का रूप धारण किया था। 

मैना महादेव को पहचान न सकीं और उन्हें लज्जित करके वापस भेज दिया। इसके बाद में जब उन्हें पार्वती ने उन्हें नट के महादेव होने की बात बताई तो उन्होंने महादेव से क्षमा मांगी और उन्हें अपने जमाता के रूप में स्वीकार करने को तैयार हो गई। शिवरात्रि का दिन-इस महीने की 21 तारीख को यानि शुक्रवार को शिवरात्रि का पर्व मनाया जा सकता है । इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि के पावन दिन महादेव शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। हिंदू धर्मों के शास्त्रों के मुताबिक हर माह शिवरात्रि मनाई जाती है क्योंकि हर महीने के कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मास शिवरात्रि होती है और फाल्गुन महीने के कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि को ही हाशिवरात्रि कहा जाता है। बता दें कि इस खास तौर से शिव की पूजा की जाती है।

इसके अलावा शुभ मुहूर्त-इस बार महाशिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 49 मिनट का है। यह 21 फरवरी रात 12:27 से 1:17 तक रहेगा। लेकिन आपको बता दे कि भगवान की पूजा पूरे दिन भी की जा सकती जा सकती है।कैसे करें पूजा-इस दिन सुबह जल्दी स्नातन कर शिव की पूजा करनी चाहिए। यदि आपने व्रत रखा है तो व्रत का संकल्प लें और किसी भी शिवमंदिर में जाकर शिव को बेलपत्र, फूल अर्पित करें और जल चढाए। शास्त्रों के अनुसार इस दिन रुद्राक्ष की माला धारण करना भी शुभ माना जाता है। परन्तु रुद्राक्ष की माला हर किसी को धारण करनी चाहिए। बता दें कि राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण किया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन कच्चे दूध में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और चन्दन, पुष्प, धूप, दीप आदि से शिव की पूजा करनी चाहिए।

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