वाशिंगटन: ग्रामीण इलाकों में सही समय पर सही दवा को पहुंचाना एक बड़ी दिक्कत है. किन्तु घाना और रवांडा जैसे देशों में ड्रोन से ऑन-डिमांड चिकित्सा सहायता मिलने के बाद एक आस जागी है. अब कैलिफोर्निया स्थित ऑटोमैटेड लॉजिस्टिक कंपनी जिपलाइन ड्रोन सुविधा को भारत में शुरू करेगी. इसे महाराष्ट्र सरकार साझेदारी कर जीवन रक्षक दवाएं ड्रोन के मध्यम से पहुंचाने की योजना बना रही है. महाराष्ट्र सरकार अगले वर्ष की शुरुआत में इस सुविधा को शुरू करेगी.
जिपलाइन के सीईओ केलर रिनाउडो (Keller Rinaudo) का कहना हैं 'विश्व भर में प्रति वर्ष लाखों लोगों की मौत सही दवा (जिसकी आवश्यकता हो) नहीं मिलने की वजह से हो जाती है. ऐसे में दवाओं को सही समय पर पहुंचाकर इस समस्या से पार पाने में ड्रोन सहायता कर सकता है. हम उम्मीद करते हैं कि लाखों लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुसार रक्त और महत्वपूर्ण दवाएं मिल सकेंगी.'
वहीं, जिपलाइन के अंतरराष्ट्रीय संचार और सार्वजनिक मामलों के प्रमुख जस्टिन हैमिल्टन का कहना हैं कि, 'अगर बच्चे के जन्म के वक़्त मां को रक्तस्राव होने लगे और उस वक़्त रक्त की आवश्यकता होती है, तो डॉक्टर जिपलाइन व्हाट्सएप कर सकते हैं. इसके बाद पास के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर ड्रोन पर पैराशूट के साथ एक पैकेट में जरुरी ब्लड ग्रुप को लोड करेगा और वो पैकेट 4-6 घंटे की जगह मात्र 30 मिनट में पहुंच जाएगा.
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