मुंबई: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द किए जाने के मुद्दे पर बीजेपी आक्रामक नजर आ रही है। ऐसे में पार्टी इसको लेकर आज पूरे राज्य में चक्काजाम आंदोलन करने जा रही है। आपको बता दें कि बीते गुरुवार को मुंबई मे हुई बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी दो टूक एक बात कही। उनका कहना था कि अगर प्रस्तावित पांच जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव आगे नहीं धकेले गए तो बीजेपी हर सीट पर केवल ओबीसी चेहरा ही मैदान में उतारेगी। आप सभी जानते ही होंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये आरक्षण पर गौर करने के बाद आदेश दिया था कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में कुल सीटों के 50 फीसदी से अधिक पर आरक्षण नहीं हो सकता। ऐसे में महाराष्ट्र की सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक मजबूत तर्क नहीं दे सकी।
इसकी वजह से ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण को रद्द कर दिया गया है। वही दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, "राज्य सरकार को एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना चाहिए और ओबीसी आरक्षण के लिए डाटा जमा करना चाहिए। यदि सरकार को इसमें हमारी मदद की जरूरत हो तो हम पूरी तरह से उनका सहयोग करने के लिए तैयार हैं। लेकिन शायद इस सरकार का ओबीसी को आरक्षण देने का कोई इरादा नहीं था।"
क्या है पूरा मामला - आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के जिला परिषद कानून का आर्टिकल 12 रद्द कर दिया था। उस दौरान कोर्ट ने यह कह दिया था कि जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण की व्यवस्था तय की गई है और किसी भी सूरत 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। इसके अलावा सर्वोच्च अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि, ''ओबीसी को 27% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस संवैधानिक सीमा का पालन करते हुए जिला परिषद में चुनाव करवाए जाएं। आरक्षण को रद्द करने के सुप्रीम फैसले के बाद महाराष्ट्र ने पुनर्विचार याचिका कोर्ट में दायर की थी लेकिन कोर्ट ने उसे भी रद्द कर दिया है।''
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