महाराष्ट्र: स्कूल खोलने से पहले कोविड टास्ट फोर्स ने दी यह सलाह
महाराष्ट्र: स्कूल खोलने से पहले कोविड टास्ट फोर्स ने दी यह सलाह
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मुंबई: कई राज्यों में कोरोना संक्रमण अब कम हो चुका है और इसी के चलत उन राज्यों में स्कूल खुल गए हैं। इसी लिस्ट में महाराष्ट्र भी शामिल है लेकिन यहाँ अब भी संक्रमण कम नहीं हुआ है इसी के चलते सरकार स्कूलों को दोबारा खोलने पर सरकार विचार कर रही है। हालाँकि राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार के लिए ये फैसला आसान नहीं होगा। जी दरअसल एक्सपर्ट्स का कहना है राज्य में कोरोना के केस 15 सितंबर के बाद बढ़ सकते हैं। वहीँ अगर देखा जाए तो केरल के बाद महाराष्ट्र में ही कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव मरीज़ हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में खतरा अधिक है।

यहाँ बीते बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के 4,342 नए मामले सामने आए और 55 लोगों की मौत हो गई। वहीँ इस समय राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 50 हज़ार से ज्यादा है। यह सब देखते हुए कोविड टास्ट फोर्स ने स्कूल खोलने से पहले सरकार के सामने कई शर्तें रखी हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू ने कहा, 'स्कूलों को फिर से खोलने पर फैसला अगले दो दिनों में लिया जाएगा। इस संबंध में अगले कुछ दिनों में बैठक की जाएगी।' इसके अलावा उन्होंने कहा, 'देश के अन्य राज्यों में स्कूल शुरू हो गए हैं और ऐसे में महाराष्ट्र में भी स्कूल शुरू होने चाहिए। लेकिन इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना होगा कि केरल के बाद सबसे अधिक एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।'

क्या है टास्क फोर्स की सिफारिश- जी दरअसल टास्क फोर्स ने सिफारिश की है कि स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का टीकाकरण किया जाना चाहिए। इसके अलावा कक्षाओं में बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए और एक बेंच केवल एक छात्र के लिए रिजर्व होनी चाहिए। यह भी कहा गया है कि यदि संभव हो तो स्कूल ऑनलाइन और ऑफ लाइन क्लास एक साथ आयोजित करे। छात्र रोटेशन के तहत क्लास में भाग ले सकते हैं। इसी के साथ सभी कक्षाओं को सैनिटाइज किया जाना चाहिए और सभी स्कूलों में एक निगरानी प्रणाली होनी चाहिए।

वहीँ मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए स्कूल के कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। यह भी कहा जा रहा है कि स्कूलों को छात्रों को दो बैचों में विभाजित करना चाहिए और उन्हें वैकल्पिक दिनों में फिजिकल क्लास के लिए बुलाया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए आधे छात्रों को आज और बाकी को कल बुलाया जा सकता है और साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखी जा सकती हैं।

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