महाराष्ट्र में दंडाधिकारी ने अंतरंग संबंध के कारण गंवाई नौकरी, जाने मामला
महाराष्ट्र में दंडाधिकारी ने अंतरंग संबंध के कारण गंवाई नौकरी, जाने मामला
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नई दिल्लीः महाराष्ट्र में एक दंडाधिकारी को एक वकील के साथ 'अंतरंग रिश्ता' बनाना महंगा पड़ा। इस संबंध के कारण अधिकारी को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। सर्वोच्च अदालत ने इस मुद्दे पर कोई नरम रूख अपनाने से इनकार करते हुए अधिकारी को सेवा से बर्खास्त किए जाने का आदेश कायम रखा। न्यायामूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायामूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा, हमारे विचार से वासना का अर्थ केवल पैसे की भूख नहीं है। यह कई प्रकार की हो सकती है। यह पैसे की भूख, शक्ति की भूख, देह की भूख आदि हो सकती है।

इस मामले में अधिकारी ने मामले पर फैसला एक महिला वकील के साथ अंतरंग रिश्ते के कारण लिया न कि कानून के अनुसार उन्हें ऐसा करने की जरूरत होने के आधार पर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि न्यायिक अधिकारी श्रीरंग यादवराव वाघमारे के लिए इस तरह से वशीभूत होना हानिकारक साबित हुआ है। उन्होंने एकजुटता, व्यवहार की अपेक्षाओं और जिस शुद्धता की उम्मीद थी, उससे समझौता किया। उनका व्यवहार ऐसा है जिसमें कोई नरमी नहीं दिखाई जा सकती है। श्रीरंग यादवराव वाघमारे 1985 में न्यायिक दंडाधिकारी नियुक्त किए गए थे। फरवरी 2001 में उन्हें सस्पेंड किया गया और 2004 में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। उन्हें उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी।

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