मुंबई: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए कई राज्य तैयारी में जुटे हुए हैं। इसी लिस्ट में महाराष्ट्र भी शामिल है। यहाँ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की कमी का संकट ना हो, इसके चलते राज्य सरकार ने ऑक्सीजन उत्पादकों को यह निर्देश दिया है कि वे ऑक्सीजन का 95 फीसदी तक स्टॉक संभाल कर रखें। जी हाँ, हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक राज्य में एलएमओ उत्पादन करने वाली सभी कंपनियों को 30 सितंबर 2011 तक 95 फीसदी स्टॉक बचाकर रखने का निर्देश दिया गया है और अगले आदेश तक ऑक्सीजन के स्टॉक रखने से संबंधित नियमों और शर्तों का पालन करने को कहा गया है।
कहा गया है की हर प्लांट इस बात का इत्मीनान और इंतज़ाम रखे कि उसके उत्पादन केंद्र में ऑक्सीजन का उत्पादन पूरी क्षमता से हो रहा हो। इसी के साथ राज्य के जिलाधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे अपने-अपने जिले में यह सुनिश्चित करें कि वहां सभी एलएमओ उत्पादक (चाहे वे सार्वजिनक हों या निजी) ऑक्सीजन का स्टॉक जमा करें। वह जितनी जल्दी हो सके, तैयारी करें।
वहीं दूसरी तरफ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और वैद्यकीय शिक्षण और औषधि द्रव्य विभाग को यह निर्देश दिया गया है कि मेडिकल ऑक्सीजन की मांग अत्यधिक बढ़ने की स्थिति में नॉन-मेडिकल ऑक्सीजन का भी सही इस्तेमाल कर सकें। आप सभी को बता दें कि महाराष्ट्र में कोविड 19 की दूसरी लहर अप्रैल से जून 2021 के बीच अपना कहर मचा रही थी और इस बीच सात लाख मामलों में 1850 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया गया था। इसी तजुर्बे को ध्यान में रखते हुए कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की पहले से ही तैयारी रखी जा रही है।
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