Feb 10 2016 02:47 PM
मुंबई : हाजी अली दरगाह के मुख्य कब्रगाह पर महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक के संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं का पक्ष लिया। राज्य के महाधिवक्ता ने इस मामले में हाइ कोर्ट को भी सरकार के रुख से अवगत कराया। फिलहाल अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। सभी की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस वी एम कनाडे और रेवती मोहिते डेरे की बेंच ने कहा कि सभी पक्षों को दो सप्ताह में अपनी दलीलें लिखित में देनी होगी।
पीठ के समक्ष महाधिवक्ता ने कहा कि दरगाह बोर्ड जब तक यह साबित नहीं कि पाबंदी कुरान से संबंधित उनकी धार्मिक परंपराओं का हिस्सा है, तब तक महिलाओं को हाजी अली दरगाह के मुख्य कब्र में जाने की अनुमति होनी चाहिए।
गौरतलब है कि दरगाह की कब्र में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के हाजी अली ट्रस्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। अदालत ने तीन फरवरी को राज्य सरकार को इस जनहित याचिका पर अपनी राय बताने को कहा था। दरगाह बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दरगाह पुरुष सूफी संत की कब्र है और इस्लाम में पुरुष सूफी संत को छूना महिलाओं के लिए गुनाह माना गया है।
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