महाराष्ट्र: विधानसभा में गूंजा स्वप्निल लोनकर आत्महत्या का मामला तो अजित पवार ने कर दी यह बड़ी घोषणा
महाराष्ट्र: विधानसभा में गूंजा स्वप्निल लोनकर आत्महत्या का मामला तो अजित पवार ने कर दी यह बड़ी घोषणा
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मुंबई: आज यानी सोमवार को राज्य के विधानसभा सत्र के दौरान स्वप्निल की आत्महत्या का मुद्दा उठा। जी दरअसल महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद दो सालों तक इंटरव्यू नहीं हुआ, नियुक्ति नहीं हुई। इसी से निराश होकर पुणे के स्वप्निल लोनकर नाम के युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में आज स्वप्निल की आत्महत्या का मुद्दा राज्य के विधानसभा सत्र में चर्चा का विषय बना रहा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने स्वप्निल लोनकर का सुसाइड नोट विधानसभा सत्र में पढ़ कर सुनाया और कहा कि, ''राज्य सरकार एमपीएससी को लेकर गंभीर नहीं है। राज्य के लाखों युवा परीक्षा, इंटरव्यू और नौकरियों के इंतजार में हैं। सरकार ऐसी घटना होने का तक क्या कर रही थी?''

वही दूसरी तर्ज विपक्ष की ओर से सामने रखे गए इन मुद्दों पर बोलते हुए उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने एक अहम घोषणा की। हाल ही में अजित पवार ने घोषणा करते हुए कहा कि, ''एमपीएससी के सभी रिक्त पद 31 जुलाई 2021 तक भर दिए जाएंगे।'' इसके अलावा अजित पवार ने कहा, ''सभागृह में विपक्षी नेताओं ने एमपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण स्वप्निल लोनकर की आत्महत्या का जो मुद्दा उठाया है, वो अत्यंत ही दुखद घटना है। ऐसी घटना किसी के साथ भी नहीं होनी चाहिए। सरकार ने इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई और इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी सहयोगियों के साथ चर्चा की और आवश्यक कदम उठाने को कहा है।''

इसके अलावा अजित पवार ने यह भी कहा कि, ''मुझे विपक्ष और जनता से इतना ही कहना है कि स्वप्निल लोनकर ने 2019 में राज्य अभियांत्रिकी पूर्व परीक्षा दी थी। मुख्य परीक्षा 24 नवंबर 2019 को हुई। परीक्षा का परिणाम 28 जुलाई 2020 को आया। इस परीक्षा में 3671 उम्मीदवार सफल हुए। 1200 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। इस बीच एससीबीसी वर्ग के मुद्दे को लेकर निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2020 को स्टे दे दिया। इस वजह से सारी प्रक्रियाएं रोकनी पड़ीं। इस वजह से उत्तीर्ण उम्मीदवारों के लिए इंटरव्यू आयोजित नहीं करवाया जा सका। इसी दौरान कोविड संक्रमण का दौर आ गया। चूंकि एमपीएससी एक स्वायत्त संस्था है, इसलिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी। मुख्यमंत्री ने इस पर तुरंत हस्तक्षेप किया। आयोग के अध्यक्ष से संपर्क किया। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि स्वायत्तता होने के बावजूद इस तरह का निर्णय उचित नहीं है।''

इसी के साथ उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, ''स्वप्निल ने निराशा में जो कदम उठाया वो उसे नहीं उठाना चाहिए था। कल (रविवार) मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर हमने गंभीरता से विचार किया। सभी सहयोगियों ने अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने अपनी स्पष्ट राय रखी। आज मैं सभागृह को यह बताना चाहता हूं कि सरकार 31 जुलाई 2021 तक एमपीएससी की सभी खाली जगहों को भरेगी। इसमें कोई रूकावट हम आने नहीं देंगे।''

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