नागपुर। भारत में भ्रष्टाचार के मामलो में अपना एक कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कोर्ट ने दोहराया है की यदि सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में किसी भी प्रकार से नाकाम रहती है तो नागरिक टैक्स के भुगतान के लिए प्रतिबद्ध नही होंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बाबत बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि सरकार भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रहती है तो नागरिकों को टैक्स का भुगतान नहीं करना चाहिए।
इस मामले में पिछले कुछ दिनों पूर्व ही गबन के एक मामले में सुनवाई में भ्रष्टाचार को भयानक राक्षस बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोहराया कि भारत के रहने वाले लोगो को इसके लिए अपनी अदालत ने कहा है कि नागरिकों को एक साथ आकर इसके विरुद्ध अपनी आवाज उठानी चाहिए और टैक्स अदा करने से मना करना चाहिए।
यह पूरी ही बात जस्टिस अरुण चौधरी ने मथंग समाज के उत्थान के लिए गठित लोकशाहीर अन्नाभाउ साठे विकास महामंडल (एलएएसवीएम) में 385 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग व गबन के मामले में सुनवाई करते हुए दोहराई. अदालत ने कहा कि वित्तीय संस्थानों में भ्रष्टाचार बढ़कर पूरी तरह से अनियंत्रित हो चुका है.