आज हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि है। उन्हें अपने आजाद विचारो की वजह से आधुनिक मीरा भी कहा जाता था। तो आइये आज उनकी पुण्य तिथि के इस अवसर पर हम आपको उनकी जीवन गाथा से रूबरू करवाते है।
-महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद में हुआ था। बड़े संयोग की बात है कि उस दिन होली का त्यौहार भी था।
-महादेवी वर्मा ने प्रेम के भाव को लेकर भी कई तरह की रचनाये की है। उनकी कविता ‘जो तुम आ जाते एक बार’ प्रेम के भाव को बड़े प्रेम से दर्शाती है।
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-उन्होंने मध्यप्रदेश के जबलपुर से अपनी शिक्षा पूरी की है।
-वर्ष 1914 में जब वे सात वर्ष की थी तभी उनकी शादी डॉ सुवर्ण नारायण वर्मा से करा दी गई थी। परन्तु उन्होंने शादी के बाद भी अपनी पढाई और लेखन कार्य जारी रखा।
-इस दौरान उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में मास्टर की डिग्री हासिल की।
-उनके पति का सन् 1966 में आकस्मिक निधन हो गया था| इसके बाद महादेवी स्थायी रूप से इलाहाबाद में ही स्थानांतरित हो गई।
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-वह बौद्ध संस्कृति से बेहद प्रभावित थी। उन्होंने बौद्ध भिक्षुनी बनने का भी प्रयास किया था।
- सन् 1987 में इस प्रसिद्ध कवित्री की मृत्यु हो गई थी।
- उनकी लेखनी को आज भी बड़ा सराहा जाता है। दीपशिखा उनके सर्वश्रेष्ठ लेखन में से एक है। इसके साथ ही वे अपनी किताब यादों की किताब के लिए भी प्रसिद्ध है।
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