वासुकि को गले में लपेटकर अनादि और महायोगी बन जाते हैं महादेव
वासुकि को गले में लपेटकर अनादि और महायोगी बन जाते हैं महादेव
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आप सभी इस बात को तो जानते ही होंगे कि देवों के देव महादेव को पापियों का संहार करने के लिए जाना जाता है और भगवान शिव को महायोगी भी कहा जाता है. वहीं उन्हें अर्धनारीश्‍वर भी कहते हैं और भगवान शिव को अनादि माना गया है अर्थात जो हमेशा से थे, जिसके जन्म की कोई तिथि नहीं है. ऐसे में विष को पीने वाले, कैलाश पर्वत पर रहने वाले भगवान शिव के गले में जो सांप लिपटा है, उनका नाम वासुकि है और शिवलिंग चाहें कितना भी खंडित हो जाए फिर भी पूजा जाता है.

कहते हैं भगवान शिव के वाहन नंदी को भगवान शिव के गणों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है और हर एक शिव मंदिर में भगवान शिव के साथ नंदी की मूर्ति अवश्य हो जाती है. कहते हैं भगवान आशुतोष का पूजन करते समय शिवलिंग पर बेलपत्र बिना जल के नहीं चढ़ाया जा सकता है और भगवान शिव की एक बहन भी थी अमावरी, जिन्हें माता पार्वती की जिद पर खुद महादेव ने अपनी माया से बनाया जा चुका था.

कहते हैं चंद्रमा को भगवान शिव की जटाओं में रहने का वरदान मिला हुआ है और भगवान शिव और माता पार्वती के दो पुत्र हैं जिनका नाम है कार्तिकेय और श्री गणेश है. ऐसा माना जाता है महामृत्यंजय मंत्र का निरंतर जाप करने से अकाल मृत्यु पर विजय प्राप्त कर सकते हैं. महाशिवरात्रि के दिन बहुत से उपाय किए जा सकते हैं जो आपको अमीर और लाभ दे सकते हैं. महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को भांग अर्पित करने से बहुत लाभ होता है.

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