आज महाशिवरात्रि है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे शिवलिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में सुनकर आपको हैरानी होगी। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के नीमच की। जहाँ एक मंदिर है जिसका नाम केदारेश्वर महादेव मंदिर है। कहा जाता है अज्ञातवास के दौरान ‘बाहुबली’ भीम ने ऊंचे झरने के नीचे विशाल शिवलिंग स्थापित किया था और सूखा पड़ा हो या अकाल, शिवलिंग पर जलधारा का गिरना कभी बंद नहीं होता है। जी हाँ, प्रकृति के द्वारा शिव के जलाभिषेक हमेशा होता रहता है। कहते हैं शिवलिंग पर बनाया गया झरना एक खूबसूरत झरना है।
वहीं इस बारे में मंदिर के पुजारी ने बताया, ''केदारेश्वर में पांडवों ने अज्ञातवाश का समय बिताया था। अज्ञातवाश के दौरान ही इस स्थान पर महाबली भीम ने शिवलिंग स्थापित किया। इसी स्थान पर द्रोपदी ने नाग चंपा के 11 पौधे लगाए थे। 2011 में पहाड़ का हिस्सा गिरने से नाग चंपा के पौधे नष्ट हो गए। प्रकृति की गोद में स्थित मंदिर में आस- पास के लोग दर्शन व पूजन के लिए आते हैं। हालांकि जंगल और वीरान क्षेत्र होने से यहां आवाजाही कम होती है।''
इसी के साथ आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से 75 किमी दूर रामपुरा व गांधीसागर के बीच केदारेश्वर महादेव का मंदिर है। वहीं यह तहसील रामपुरा से 12 और ग्राम पंचायत सालरमाला से करीब 3 किमी की दूरी पर स्थित है और यहां अब मंदिर बन चुका है, लेकिन प्राकृतिक झरने से मंदिर में शिवलिंग का प्राकृतिक रूप से अनवरत जलाभिषेक होता है। इस बारे में पुजारी गिरधारी नाथ योगी ने बताया कि ' साल 1956 में अकाल के हालात बने थे, लेकिन इस दौरान भी मंदिर में भगवान का जलाभिषेक प्राकृतिक रूप से होता रहा है।'
Maha Shivratri 2020: इन 10 चीजों के शिवलिंग पर चढाने से प्रसन्न होने भोलेनाथ
महाशिवरात्रि: बाबा के अनूठे रूप के होंगे दर्शन, उमड़ा भक्तों का सैलाब
महाशिवरात्रि : मोदी-शाह समेत कई नेता बोले हर हर महादेव, देशवासियों को दी बधाई