दमोह: मध्यप्रदेश की कमलनाथ साकार के कार्यकाल में प्रशासनिक बदइंतजामी थमने का नाम नहीं ले रही है. इस अव्यवस्था ने एक बार फिर दमोह जिले में हजारों बोरी धान बर्बाद कर दिया है. बारिश में खुले में रखा गया हजारों बोरी धान गीला होने से खराब हो गया. कलेक्टर का कहना है कि अधिकारियों को इस बारे में पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए थे. कलेक्टर को जब इस संबंध में पता लगा तो उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही.
राज्य में मौसम विभाग ने अलर्ट किया था कि कई जिलों में बरसात हो सकती है. इन जिलों में दमोह का नाम भी शामिल था. जिले भर में चल रही धान खरीदी को लेकर तमाम क्रय केंद्रों के प्रभारियों को भी सतर्क आकर दिया गया था. बारिश की संभावना के मद्देनज़र अनाज भीगने ने पाए इसके लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जाने के निर्देश भी दिए गए थे. किन्तु इन निर्देशों का अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा. दमोह जिले के कई क्रय केंद्रों पर हजारों बोरी धान खुले में रखा गया था, जो बारिश में भीग कर तबाह हो गया.
दमोह के तेंदूखेड़ा और जबेरा ब्लॉक में एक या दो नहीं बल्कि लगभग 6 क्रय केंद्रों पर ऐसे ही खुले आसमान के नीचे धान की बोरियां भीगती रहीं और जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बनकर देखते रहे. कुछ क्रय केंद्रों पर धान की बोरियों के ढेरों पर औपचारिकता के लिए पॉलीथिन डाली गई. किन्तु जमीन से बहाव में आने वाला बारिश का पानी धान को बर्बाद कर गया.
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