ग्वालियर : ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ने और कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह को करारी शिकस्त देने के बाद सांसद बने विवेक नारायण शेजवलकर ने ग्वालियर नगर निगम के महापौर पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं अब इस कुर्सी पर कांग्रेस ने अपनी नजरें टिका ली है.
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, बुधवार को उन्होंने संभागायुक्त बीएम शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. भाजपा सांसद के इस्तीफे के बाद लोकसभा चुनाव में हारी कांग्रेस इस मौके को भुनाने ने के लिए पूरे तरह से तैयार नजर आ रही है. आपको बता दें कि चूंकि मेयर और सांसद दोनों ही पद लाभ की श्रेणी में आते हैं, इसलिए उन्हें एक पद छोड़ना था और उन्होंने अंततः महापौर का पद त्याग दिया.
बताया जा रहा है कि अब मध्य प्रदेश में नवंबर में नगर निकाय के चुनाव हो सकते हैं और ऐसे में कुछ वक्त के लिए सही, सबकी निगाहें मेयर की कुर्सी पर टिकी हुईं है. जानकारी के मुताबिक़, शेजवलकर का महापौर पद पर यह दूसरा कार्यकाल है. वे 2005 से 2009 तक वह पहली बार इस पद पर रहे थे और शहर में जल संकट के समाधान के लिए उनके पहले कार्यकाल में 110 करोड़ की एडीबी योजना से काम हुआ था. वहीं
772 करोड़ की अमृत मिशन योजना से सीवर और पानी की समस्या के समाधान का काम भी चल रहा है. जबकि उनकी ये योजनाएं एडीबी और अमृत योजना विवादों में भी घिरी रही है और इन सारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उन्हें घेरती आई है.
ईद के मौके पर गांधी मैदान पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, सभी को दी मुबारकबाद
ईद पर बोली ममता- बंगाल में किसी को डरने की जरूरत नहीं है
जन्मदिन विशेष : अजय सिंह कैसे बने योगी आदित्यनाथ, संत से सांसद फिर यूपी के मुखिया
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस अलग अंदाज में संभाला अपना मंत्री पद