रतलाम: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में जलप्रलय के दौरान अपनी तबाही के बीच खुद की जान को जोखिम में डालकर अपने गांव में रहने वाले बाढ़ में फंसे दूसरे लोगों को बचाए जाने की तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों से ग्रामीणों के सहायता के जज्बे और कई अनदेखे नायकों के बहादुरी की कहानी सामने आती है. दरअसल, मंदसौर के ग्राम बादरी में शिवना के उफान के बाद चारों तरफ पानी ही पानी था.
पानी के बीच फंसे 10 से अधिक लोगों को निकालने के लिए ग्रामीण इकठ्ठा हुए. किन्तु आने-जाने के लिए कोई साधन मौजूद नहीं था. ऐसे में गांव के युवाओं और महिलाओं ने मिलकर प्लास्टिक के दो ड्रमों की मदद से एक जुगाड़ की नाव तैयार की. यह नाव कुछ लोगों को ही बचा पाई. अधिक गहरे पानी में दूर तक नहीं जा पाई, तो फिर ग्रामीणों ने खजूर के दो तनों को लेकर, अपने घरों से रस्सियां लाकर लकड़ी के फट्टे बांध नाव बनाई.
ग्रामीणों की यह कोशिश कामयाब हुई और बाढ़ के बीच फंसे 10 से अधिक लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. उफान के मध्य ग्रामीण महिलाएं शिवना के रौद्र रूप को शांत करने के लिए प्रार्थना भी करती रही और इसी प्रार्थना और बहादुरी को सफलता मिली. गांव में कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि, गांव में खेतों में खड़ी फसल और ज्यादातर कच्चे घर तबाह हो गए.
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