इंदौर: पूरे देश में कोरोना महामारी का कहर जारी है, वहीं अब तक वैज्ञानिक और चिकित्सक इसका कोई स्थायी इलाज नहीं खोज पाए हैं। प्लाज़्मा थेरेपी और रेमडेसिविर को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के उपचार की सूची में से हटा दिया गया है, जिन्हे कुछ दिनों पहले तक कोरोना में 'जीवन रक्षक' माना जा रहा था। ऐसे में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की कोरोना मेडिसिन 2-DG एक उम्मीद की किरण बनकर आई है।
DRDO की इस मेडिसिन के काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित CHL हॉस्पिटल से ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जहां एक कोरोना का उपचार ले रही एक महिला को DRDO की 2-DG से काफी फायदा हुआ है।
दरअसल, श्रीमती संतोष गोयल CHL अस्पताल इंदौर के नॉन कोविड वार्ड में उपचाररत हैं। वह पोस्ट कोविड़ मरीज है, जिनका ऑक्सिजन स्तर लगातार गिर रहा था। जिसके बाद उन्हें रविवार को DRDO की 2-DG sachet के रूप में पहली खुराक दी गई है। पहली खुराक लेने के बाद ही उनके स्वास्थ्य में बहुत ही अच्छा सुधार हुआ है।
इसके लिए श्रीमती संतोष गोयल ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व DRDO के वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है।
बता दें कि 2-DG मेडिसिन के ट्रायल में सामने आया था कि दवा कोविड मरीजों के लिए सुरक्षित है और रिकवरी में भी काफी मदद करती है। सकारात्मक नतीजों के बाद DCGI ने नवंबर 2020 में फेज 3 ट्रायल की मंजूरी दी। आखिरकार ट्रायल डेटा के आधार पर 9 मई 2021 को DCGI ने इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को अनुमति दे दी।
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