भोपाल: दिनों दिन बढ़ रही सयासी उठापटक के बीच आखिर एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट यह कह चुका है कि फैसला 16 विधायकों पर ज्यादा निर्भर करता है. जंहा जस्टिस चंद्रचूड़ की टिप्पणी से यही साफ होता है कि कोर्ट फ्लोर टेस्ट का आदेश दे सकता है. 26 मार्च तक के लिए विधानसभा को स्थगित किया जा चुका है. वहीं इस बात को लेकर कमलनाथ ने कहा कि बेंगलुरु के होटल में विधायकों को दबाकर रखा जाता है और उन्हें एक दूसरे से भी नहीं मिलने दिया जाता. ऐसे में वे सच नहीं बता सकते हैं. शिवराज सिंह चौहान ने कहा- उनके (कमलनाथ) पास संख्या बल नहीं है. बहाना बनाकर कुछ और दिन काटना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में अभी सुनवाई जारी है: सिंघवी- कर्नाटक में एक अविश्वास प्रस्ताव था. यहां भी यह लोग लेकर आएं. स्पीकर प्रक्रिया के मुताबिक उसको देखेंगे. जस्टिस चंद्रचूड़- लेकिन इसके चलते फ्लोर टेस्ट को देर से करवाने की कोई इजाजत कोर्ट ने नहीं दी थी. हमने यह भी कहा था कि विधायक सदन की कार्यवाही में जाने या न जाने का फैसला खुद ले सकते हैं.
सिंघवी- कर्नाटक मामले में कोर्ट ने स्पीकर के इस्तीफों पर फैसला लेने की कोई समयसीमा भी तय नहीं की थी जस्टिस चंद्रचूड़ - नहीं, नहीं बिल्कुल भी नहीं, यह खूबसूरत भाषा है. सिंघवी इस्तीफा स्वीकार करने के नियम और प्रक्रिया पढ़ रहे हैं. यह हिंदी में है. सिंघवी ने जानना चाहा कि जजों को हिंदी में पढ़े जाने से कोई दिक्कत तो नहीं है!
जंहा इस बात का पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर की तरफ से दलीलें पेश कर रहे सिंघवी के 2 हफ्ते की मोहलत पर शिवराज ने कहा- काहे के लिए? वे हॉर्स ट्रेडिंग करना चाहते हैं क्या. उन्होंन कहा कि संख्या बल उनके पास नहीं है, उनको इसका अच्छी तरह से आभास हो चुका है. जमीन पैर के नीचे से खिसक गई है. सूत्रों के अनुसार अब बहाना बनाकर की कुछ दिन काट लो और कुछ नियुक्तियां कर लो, यह इसलिए किया जा रहा है. न्याय की जीत होगी. सर्वोच्च न्यायलय पर हमारा पूरा विश्वास है. सरकार हमारी ही बनेगी .कमलनाथ के बयान पर चुटकी लेते हुए शिवराज ने कहा कि मन को बहलाने के लिे ख्याल अच्छा है.
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