भोपाल: कांग्रेस को आदिवासियों के युवा संगठन जय आदिवासी युवा संगठन यानी जयस ने 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर अपने उग्र तेवर दिखा दिए हैं. आदिवासी क्षेत्र में युवा आंदोलन के मुख्य नेता रहे जयस के संरक्षक और अब कांग्रेस से MLA डॉ. हीरालाल अलावा ने समध्या प्रदेश के सीएम कमलनाथ से मुलाकात में दो टूक कह दिया है कि उन्हें तीन लोकसभा सीटों से चुनाव मैदान में उतरने के लिए टिकट चाहिए.
उन्होंने कहा है कि ये टिकट किसी आदिवासी युवा को दिया जाना चाहिए. इतना ही नहीं, डॉक्टर हीरालाल अलावा ने ये चेतावनी भी दे दी है कि अगर कांग्रेस द्वार टिकट नहीं दी जाती है, तो वे उनके दरवाजे दूसरी पार्टियों के लिए भी खुले हुए हैं. जयस की कांग्रेस के साथ खींचतान का दौर देखते हुए अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जयस पर डोरे डालने आरम्भ कर दिए हैं. इससे मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले सियासत के एक दिलचस्प दौर का आगाज़ हो गया है. दरअसल, मध्य प्रदेश में 15 वर्ष बाद कांग्रेस के सत्ता में आने की एक बड़ी वजह यहां का आदिवासी समुदाय भी रहा है.
यहां लोकसभा की 29 में से 6 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है. प्रदेश की लगभग 21 प्रतिशत आदिवासी आबादी का 49 प्रतिशत झाबुआ और निमाड़ क्षेत्र में निवास करने वाले भील आदिवासियों का है. बैतूल-हरदा से शहडोल तक गोंड आदिवासी अपने क्षेत्र में असर डालते हैं. किन्तु झाबुआ-निमाड़ क्षेत्र में जयस का खासा प्रभाव रहा है. यहां आदिवासी युवाओं के संगठन ने गहरा वर्चस्व जमा रखा है, किन्तु विधानसभा चुनाव से पूर्व जयस के नेताओं ने कमलनाथ के साथ हाथ मिला लिया और उनकी पार्टी के कई नेताओं को कांग्रेस ने टिकट भी प्रदान किया. इस रिश्तेदारी का प्रभाव ये पड़ा कि आदिवासियों की कुल 47 सीटों में कांग्रेस के खाते में 30 सीटें आ गई. अब लोकसभा चुनाव से पहले इस सम्बन्ध में दरार दिखाई देने लगी है.
खबरें और भी:-