शिव के राज ने पिछड़े प्रदेश को बना दिया हार्ट आॅफ द इन्क्रेडिबल इंडिया
शिव के राज ने पिछड़े प्रदेश को बना दिया हार्ट आॅफ द इन्क्रेडिबल इंडिया
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भोपाल : मध्यप्रदेश जिसके बारे में यह कहा जाता था कि यदि आप महाराष्ट्र और गुजरात से मध्यप्रदेश की ओर सड़क मार्ग से जा रहे हों और लक्ज़री गाड़ी होने के बाद भी आपको दचके लगने लगे वाहन हिचकोले खाने लगे तो समझ जाइये आप मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं। सड़क, बिजली की अव्यवस्था के लिए जाना जाने वाला और पिछड़े प्रदेशों की श्रेणी में आने वाला यह प्रदेश आज द हार्ट आॅफ द इंक्रेडिबल इंडिया कहलाता है। सुव्यवस्थित सड़कें, 24 घंटे विद्युत प्रदाय और उन्नत तकनीक के प्रयोग के साथ ही समृद्ध खेती इस प्रदेश की शान है।

प्रदेश आज विकास के पायदान पर आगे बढ़ रहा है। यह प्रदेश निरंतर विकास के पायदान छू रहा है इसके लिए जनता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कुशल नेतृत्व की सराहना करती है। जनता का कहना है कि जो राज्य अव्यवस्थाओं से बदहाल था वहां सड़क, विद्युत, कृषि, स्वास्थ आदि व्यवस्थाओं को बेहरत किया गया। अब तो गांव - गांव तक पक्की सड़क पहुंच रही है। प्रदेश बहुत ही समृद्ध हो गया है। प्रदेश के मामा कहलाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का जन्म आज ही के दिन हुआ था।

शिवराज का जन्म सीहोर जिले के जैत गांव में 5 मार्च 1959 को हुआ था। शिवराज का मिलनसार व्यक्तित्व और कुशल राजनेतिक अनुभव से उन्होंने प्रदेश में विकास की बयार लाई है। शिवराज ने 29 नवंबर वर्ष 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के स्थान पर प्रदेश की कमान संभाली तो आज तक वे प्रदेश की कमान संभाले हुए हैं। जनता ने वर्ष 2013 में शिवराज को बहुमत देकर तीसरी बार उन्हें सरकार बनाने के लिए चुना था।

शिवराज जहां विधायक बने तो वे सांसद भी चुने गए। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा वर्ष 1991 में दो संसदीय सीटों से चुनाव लड़ने का लाभ मिला। अटलजी लखनऊ से निर्वाचित हुए तो उन्होंने विदिशा सीट से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शिवराज को प्रत्याशी बना दिया गया। वे वहां से पहली बार सांसद निर्वाचित हुए। 

शिवराज ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़कर की। वे वर्ष 1972 में आरएसएस से जुड़े 1975 में वे आपातकाल के आंदोलन से जुड़े और भोपाल की जेल में निरूद्ध हो गए। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रांतीय पदों पर रहते हुए उन्होंने विभिन्न विद्यार्थी आंदोलनों में भागीदारी की। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव भी बने। दर्शनशास्त्र में एमए गोल्डमेडल से हासिल करने वाले शिवराज के कुशल प्रबंधन का लाभ पार्टी और प्रदेश को मिला है। उनकी पत्नी साधना सिंह उनके साथ अक्सर रहती हैं। उनके परिवार में उनके दो पुत्र हैं।

हालांकि विपक्ष द्वारा शिवराज के विरोध में डंपर कांड और व्यावसायिक परीक्षा मंडल के घोटाले को लेकर हंगामा किया जाता रहा लेकिन शिवराज पर इस मामले में आंच नहीं आई। यही नहीं केंद्रीय नेतृत्व ने भी शिवराज के नेतृत्व को सराहा और इन मामलों में उनका साथ दिया।

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