इस गांव में पिछले 126 साल से किसी ने नहीं खेली होली, वजह हैरान कर देगी
इस गांव में पिछले 126 साल से किसी ने नहीं खेली होली, वजह हैरान कर देगी
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होली का त्यौहार देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. ना सिर्फ भारत बल्कि विदेशो में भी इस त्यौहार को लोग खूब एन्जॉय करते हैं. रंगों और उमंगों के साथ होली के त्यौहार का आनंद लिया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक ऐसी भी जगह है जहां पर पिछले करीब 126 सालों से होली नहीं खेली है. जी हां... सुनकर भले ही आप हैरान हो गए हो लेकिन सच है. आप यकीन नहीं करेंगे कि मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक गांव ऐसा भी है जहाँ पिछले 126 सालों से होली नहीं मनाई गई है. जब आप यहां होली ना मनाने का कारण जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे.

बता दें मध्य प्रदेश के बैतूल की मुलताई तहसील में डहुआ एक ऐसा गांव है जहां पिछले लगभग सवा सौ साल से होली मनाने पर पर प्रतिबंध लगा हुआ है. इस गांव में बच्चो से लेकर बूढ़ों तक को सभी लोगो के लिए होली खेलने की मनाही है. ये किसी अंधविश्वास का नहीं बल्कि एक सदी से भी पहले हुए एक निर्णय के पालन के कारण हो रहा है.कहा जाता है कि होली के ही दिन गांव के प्रधान की एक बावड़ी में डूबने से हुई मौत हो गई थी.बस, उस घटना के बाद से ही गांव के प्रमुख लोगों ने दिवंगत प्रधान को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए दोबारा कभी होली ना मनाने का निर्णय लिया जो आज तक जारी है.

इस गांव के ही रहने वाले पंच भीमराव बारंगे ने इस बारे में कहा कि, 'गांव के बुजुर्गों का कहना है कि अगर होली का पर्व दोबारा शुरू करना है तो पूरे गांव को एकमत होकर फैसला लेना होगा. क्योंकि इस गांव में होली ना मनाने का फैसला एक धार्मिक मान्यता जैसा बन चुका है जिसे बदलना इतना आसान नहीं है.' वहीं 62 साल पहले इस गांव में बहू बनकर आईं लक्ष्मी बारंगे ने इस बारे में बताया कि उन्होंने कभी गांव में होली मनाते नहीं देखा .परंपरा बन गए इस फैसले के कारण लोग आज भी यहां होली खेलने से कतराते हैं.

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