शिवशेखर शुक्ला की प्रभावी रणनीति ने दिलाया मप्र को गेहूं की खरीदी में पहला स्थान
शिवशेखर शुक्ला की प्रभावी रणनीति ने दिलाया मप्र को गेहूं की खरीदी में पहला स्थान
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कोरोना वायरस और निसर्ग तूफ़ान के संकट के बीच मध्यप्रदेश से जुड़ी इस खबर ने सभी को गौरवान्वित किया है कि पंजाब को पीछे छोड़ मध्यप्रदेश सरकार ने 1 करोड़ 28 लाख 69 हज़ार 553 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस बार पंजाब का दूसरा नंबर लगा है। पूरे देश में 3,86,54,000 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। वहीं पहली बार ऐसा हुआ है कि मध्यप्रदेश ने पंजाब का 'ऑल टाइम रिकार्ड' तोड़ दिया है। इस बार पंजाब ने केवल 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 473 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है

यह सब मुमकिन हो पाया राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला की वजह से। उनकी मेहनत और उनकी कार्य करने की लगन और प्रभावी रणनीति ने आज मध्यप्रदेश को इस मुकाम पर पहुंचाया है। शिवशेखर शुक्ला ने अपने मेहनती स्वभाव के कारण दिन-रात कार्यरत होकर मध्यप्रदेश को इस कोरोना संकट के बीच भी उस मुकाम पर पहुँचाने में मदद की है जो सोचना भी मुमकिन नहीं था। अपनी बेहतरीन कार्यशैली का परिचय देते हुए इस महामारी के बीच मध्यप्रदेश को गेंहू खरीदी में पहला स्थान दिलाने के लिए शिवशेखर शुक्ला की सराहना की जा रही है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी सराहना की और उन्ही के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान और खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग की पूरी टीम को भी बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने इस बार 23 मार्च से लगातार 75 बैठकें कर गेहूं उपार्जन की प्रतिदिन समीक्षा की और अब नतीजा सामने आ चुका है। कोरोना वायरस के कारण लगे हुए लॉकाडाउन एवं निसर्ग तूफान के अवरोध को पीछे छोड़ते हुए उपार्जन कार्य में मध्यप्रदेश के किसान कोरोना विजेता साबित हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान कोरोना से जंग लड़ते हुए इस मुकाम को पाना नामुमकिन था लेकिन इस मुकाम को दिलाने के लिए प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला एक मिसाल बनकर सामने आए हैं। आपको बता दें कि देश के सभी राज्यों में कुल गेहूं खरीद का 33 प्रतिशत अकेले मध्य प्रदेश में किया गया है। आगे बात करें बीते साल की तो बीते साल की तुलना में मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद 74 प्रतिशत बढ़ी है। 

जी दरअसल पिछले साल मध्य प्रदेश में 73.69 लाख गेहूं की सरकारी खरीद की गई थी। इस बार प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति शिवशेखर शुक्ला के लिए गेहूं का भंडारण और परिवहन भी किसी चुनौती से कम नहीं था लेकिन उन्होंने इस चुनौती का डटकर सामना किया और रिजल्ट आज हम सभी के सामने है। अब तक 118 लाख मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण किया जा चुका है, जो खरीद का लगभग 93 प्रतिशत है। कोरोना से लड़ाई के बीच इस सफलता ने सभी को खुश कर दिया है। इस बार कोरोना की विषम परिस्थिति को देखते हुए उपार्जन 25 मार्च की जगह 15 अप्रैल से ही शुरू कर दिया गया था और इसी के साथ ही यह समझा जा चुका था कि इस बार किसान अधिक मात्रा में उपार्जन में भाग लेंगे लेकिन इस बार बीते साल कि अपेक्षा कहीं ज्यादा उपार्जन कम समय में ही करना होगा। 

यह सब देखते हुए सरकार ने पहले ही सब पहल शुरू कर दी ताकि किसी को कोई परेशानी ना हो। पिछले साल 2545 केंद्रों पर उपार्जन हुआ था लेकिन इस साल 4529 केंद्र खोले गए थे। इस साल बड़ी मात्रा में परिवहन भी समय से करना एक चुनौती था जिसका सामना किया गया और तेज परिवहन करते हुए गेंहू भंडारित किया गया। वहीं राज्य मेंं सामान्यतया 10 लाख किसान गेहूं की बिक्री सरकार को हर साल करते हैं, लेकिन इस साल संख्या करीब 60 प्रतिशत बढ़ी हुई है।

केवल इतना ही नहीं इस साल कोरोना वायरस के बीच सभी नियमों का पालन करते हुए शारीरिक दूरी का पालन करते हुए किसानों को एसएमएस भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई ताकि एसएमएस प्राप्त किसान ही खरीदी केंद्र पहुँच सके। ऐसा लग रहा है मानो प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने पहले से ही इस साल खरीदी में अव्वल आने के बारे में योजना बना रखी थी। उन्होंने इस बार पहले ही 16 लाख किसानों के खातों में 20,500 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं, जिसमें करीब 10 लाख लघु और सीमांत किसान हैं, जबकि शेष की प्रक्रिया सभी भी जारी है। उनके काम की सराहना जितनी की जाए उतना कम है

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