मधेशी आंदोलन नेपाल का अंदरूनी मसला, भारत को बीच में न लाए
मधेशी आंदोलन नेपाल का अंदरूनी मसला, भारत को बीच में न लाए
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काठमांडू : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल के मधेशी मसले को नेपाल का मामला बताया है। उन्होंने कहा कि यह नेपाल का अपना मामला है इसमें भारत को नहीं घसीटा जाना चाहिए। उन्होंने मधेशी नेताओं से भेंट के बाद कहा कि मधेशियों की समस्या नेपाल की आंतरिक समस्या है। देश के ही नेता इसे सुलझाने में पूरी तरह से योग्य है। नेपाल की परेशानी केवल नेपाल ही हल कर सकता है। यदि भारत को इस मामले में लिया जाता है तो फिर यह नेपाल की संप्रभुता को प्रभावित करना माना जा सकता है। ऐसे में यह ठीक नहीं होगा। हालांकि भारत से बेहतर तो नेपाल ही अपनी इस परेशानी को सुलझा सकता है। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काठमांडू में नेपाली कांग्रेस के 13 वें विशेष सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। इसका प्रारंभ गुरूवार से किया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आंदोलनकारी मधेशी नेताओं ने उन्हें मधेशियों के अधिकारों के हनन की बात करते हैं। उनका कहना था कि यह नेपाल का आंतरिक मसला है इसे देश के अंदर ही सुलझाया जाना जरूरी है। हालांकि उन्होंने नेपाल के संविधान को लेकर कहा कि भारत को नेपाल के नए संविधान से किसी तरह की परेशानी नहीं है।

उनका कहना था कि बिहार नेपाल का करीबी राज्य और इस तरह से भारत नेपाल को एक समृद्ध, शांतिपूर्ण और स्थिर शक्ति के तौर पर ही देखना पसंद करता है। दूसरी ओर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने भी उपस्थितों को संबोधित किया। उन्होंने नेपाली कांग्रेस सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि नेपाल में यदि किसी तरह का राजनीतिक मतभेद है तो उसे सुधारा जा सकता है। हालांकि जोगेंद्र शर्मा जो कि माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से हैं उन्होंने सम्मेलन में राजनीतिक बातें कहीं। उनका कहना था कि कुछ लोग भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं और नेपाल को भी कुछ लोग हिंदू राष्ट्र बनाने में लगे हैं।

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