भारत का हृदय मध्यप्रदेश, जानें यह खास बातें
भारत का हृदय मध्यप्रदेश, जानें यह खास बातें
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 मध्यप्रदेश भारत  के मध्य में  स्थित राज्य है .इसलिए इसका नाम मध्यप्रदेश रखा गया . मध्यप्रदेश को भारत का ह्र्दय स्थल भी कहा जाता है.मध्यप्रदेश भारत के सर्वश्रष्ठ  पर्यटन  स्थलों में से एक है.इसकी  राजधानी भोपाल है. मध्यप्रदेश  चारों और से पांच राज्यों से घिरा हुआ है .उत्तर में  उत्तरप्रदेश और  पश्चिम में  राजस्थान , गुजरात , दक्षिण  में  महाराष्ट्र  और पूर्व में छत्तीसगढ़ राज्य स्थित है. आजादी के बाद  1  नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश  राज्य की स्थापना  की गयी थी . आपको  बता दें सबसे पहले जबलपुर को राज्य की राजधानी बनाया गया लेकिन अंतिम क्षण में राजनितिक दबाव के चलते भोपाल को राज्य की राजधानी बनाया गया। 

तक़रीबन 320 ईसवी पूर्व  में चन्द्रगुप्त मौर्य ने उत्तरी भारत को  शामिल  किया, जिसमे वर्तमान मध्यप्रदेश भी शामिल था। मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक ने क्षेत्र पर कड़ा नियंत्रण रखा। मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के लिए , कुषाण, सातवाहन और बहुत से स्थानिक साम्राज्यों के बीच पहली से तीसरी शताब्दी  के बीच लड़ाईयां हुई। शुंगा राजा भागभद्र के दरबार के ग्रीक एम्बेसडर हेलिदोरुस ने विदिशा के पास हेलिदोरुस पिल्लर का भी निर्माण कर रखा है.

पहली  शताब्दी  से ही उज्जैन व्यापार का मुख्य केंद्र रहा. साातवाहन राजा गौतमी ने सतकरनी साम्राज्य  पर जीत हासिल की  और दूसरी  शताब्दी में  मालवा और  गुजरात  पर भी विजय प्रपात  की मध्यकालीन समय में राजपूत वंश का विकास हुआ.  जिसमे मालवा के परमार और बुंदेलखंड के चंदेल भी शामिल थे.  चंदेल ने खजुराहो में मंदिरों का निर्माण किया. जो मध्य भारत में हिन्दू मंदिर के वास्तुकला की परिणिति का प्रतिनिधित्व करते है.उत्तरी और पश्चिम मध्य प्रदेश में आज भी गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्यों का बोलबाला है. ग्वालियर में भी कुछ एतिहासिक स्मारक बने हुए है. मध्यप्रदेश के दक्षिणी भाग जैसे मालवा पर दक्षिण भारतीय पश्चिमी चालुक्य साम्राज्य ने कई बार आक्रमण किया. जिससे मालवा के परमार साम्राज्य पर काफी नियम लगाये गये.13 वी शताब्दी में उत्तरी मध्यप्रदेश पर तुर्की दिल्ली सल्तनत ने कब्ज़ा कर लिया था. 14 वी शताब्दी के अंत में दिल्ली सल्तनत के ख़त्म होते हुए, स्वतंत्र धार्मिक साम्राज्य की खोज की गयी. जिसमे ग्वालियर का तोमार साम्राज्य और मालवा के मुस्लिम  सल्तनत भी शामिल थी.

1540 में राज्य का ज्यादातर भाग शेर शाह सूरी के नियंत्रण में आ गया और बाद मे हिन्दू राजा  हेमू ने इसपर कब्ज़ा कर लिया.1556 में पानीपत के दुसरे युद्ध में अकबर द्वारा हेमू को पराजित किये जाने के बाद, मध्य प्रदेश का ज्यादातर भाग मुगलो के नियंत्रण में आ गया. 1707 में सम्राट औरंगजेब की मृत्यु के बाद राज्य का मुगलो का नियंत्रण कमजोर हो गया. 1720 और 1760 के बीच मराठाओ ने मध्य प्रदेश के बहुत से भागो पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया. 1857 में राज्य के उत्तरी भाग में तात्या टोपे के नेतृत्व में स्वतंत्रता क्रांति ने जन्म लिया. इसी  समय राज्य में बहुत सी ब्रिटिश विरोधी गतिविधियाँ हो चुकी है और भारतीय स्वतंत्रता अभियान के समय काफी लोगो ने मिलकर ब्रिटिश शासन  का विरोध किया.

बहुत से प्रसिद्ध नेता जैसे चन्द्रशेखर आजाद, बी.आर.आंबेडकर, शंकर दयाल शर्मा और अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ. साथ ही दो प्रसिद्ध गायक, तानसेन और बैजू बावरा का जन्म मध्यप्रदेश में ही हुआ था. प्रसिद्ध पार्श्व गायक किशोर कुमार (खण्डवा) और लता मंगेशकर (इंदौर) भी मध्यप्रदेश के  ही रहने वाले है.

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